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Pregnancy me ultrasound kab aur kitne baar hota hai ?

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 Pregnancy me ultrasound kab aur kitne baar hota hai ? 

दोस्तो एक बार ओर आप सभी का स्वागत है । हमारे blogg में । आज हमलोग जानेगे । की Pregnancy में Ultrasound कब और क्यो करवाना चाहिए । और Ultrasound करवाने से होने वाले बच्चें पर क्या खतरा होता है। Ultrasound एक इसे तकनीक है । जो प्रेग्नेंसी में बहुत जरूरी है । 

   



 Pregnancy me ultrasound kab aur kitne baar hota hai ? 

क्योकि इसके मदद से भ्रूण आणि बच्चा के बारे में समझने में मदद मिलती है।  इसी तरह पेट मे बच्चे की Moment को देखने का आणि बच्चा पेट मे कैसा है । बच्चा क्या है । इस अनोखा अनुभव भी Ultrasound के मदद से ही होता है । 


आमतौर पर Ultrasound पहले ओर दूसरे तिमाही में किया जाता है । लेकिन जरूरत के आधार पर पहले ओर तीसरे तिमाही में भी Doctor Ultrasound की सलाह दे सकते है। लेकिन अक्सर सवाल ये होता है । 


की Ultrasound करवाने से बच्चे की health पर कुछ बुरा effect तो नही पड़ता है। तो इन सवालों का जबाब देने के लिए में इस arictle को ले कर के आया हूं। तो चलिए पोस्ट को शुरु करते है । 

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Pregnancy me ultrasound kab aur kitne baar hota hai ?

तो Doctor के अनुसार प्रेग्नेंसी के पहले तिमाही आणि 18 week तक बार - बार Ultrasound करवाने से भ्रूण पर इसका असर पड़ सकता है । लेकिन ये असर बहुत साधारण होता है।  और इससे बच्चे के दिमाग के विकाश में कोई भी रुकावट नही आती है । 


वैसे तो किसी भी महिला को पहले तिमाही में एक से दो बार Ultrasound करवाना ही पड़ता है । इसलिए मानसिक रूप से इसके लिए तैयार रहे । वही दूसरे तिमाही में आणि की 3 से 6 महीने के प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे की विकाश का पता लगाने के लिए भी Ultrasound किया जाता है।

 

Pregnancy ke pahle mahine me kya khana chahiye ?    

आमतौर पर Ultrasound 6 छठे महीने में किया जाता है। ताकि बच्चे के पूरे विकाश को अच्छे से समझा जा सके । इसलिए हर प्रेग्नेंट महिला के लिए Ultrasound करवाना जरूरी है। Ultrasound के मदद से Doctor महिला और उसके पेट मे पल रहे बच्चा के हेल्थ पर पैनी नजर रख सकते है । 


Pregnant me Pahla Ultrasound kab kiya jata hai ?

ओर आमतौर पर प्रेग्नेंसी में 2Ultrasoumd करवाने का झाग दिया जाता है। पहला Ultrasound प्रेग्नेंसी के पहले तिमाही किया जाता है। दूसरा Ultrasound दूसरे तिमाही के आखिरी दिन में होता है । और प्रेग्नेंट महिला की फिजिक्स helth ये तय करती है । 


की उसे कितने Ultrasound करवाने की जरूरत है। Doctor भी ज्यादा Ultrasound की इजाजत नहीं देते है । लेकिन अगर पेट मे भ्रूण की इस्तिति ज्यादा खराब है। तो इस सिजुएशन मे Ultrasound के लिए कहा जा सकता है।

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Pregnant mahila ko ultrasound kyo kiya jata hai ? 

Ultrasound पूरी तरीके से safe होता है । इसकी वजह से बच्चे में किसी भी तरह के गंभीर बीमारी जैसे केन्शर नही होती है । Ultrasound तकिनिक प्रेग्नेंट महिला के पूरी तरह से safe होता है । इसलिए इस चिज से आप बिलकुल टेंशन free रहे । 


इसके अलावा पेट पे किये जाने वाले इससे दर्द नही होता है । मगर जब Ultrasound Doctor जब मशीन को आपके पेट पर दबाती है । तो आपको कुछ अजीब सा लगता है। वैसे तो कई महिला पेट पे होने वाले Scan के तुलना में भी private part को अधिक Contible मानती है । 


क्योकि ये खाली यूरीनरी के समय मे ज्यादा अच्छे से किया जाता है। इसमे आपको संकोज ओर सर्म सी महसूस हो सकती है । मगर आप ये बात सोचे कि आपकी Ultrasound doctor हर दिन ऐसे बहुत सी scan करती है । वो आपको एक चादर से ढक देती है । 


Pregnancy me ultrasound karwane se kya check kiya jata hai ? 

ओर अगर आप अपनी मांशपेशियों को ढीला छोड़ेंगे । तो चिकना तर्संलेटर आसानी से अंदर जाता है । ये आपके लिए अजीब भी नही होगा । इसके अलावा 9 week के प्रेग्नेंसी के बाद scan करवाने के लिए आपके blader को भरा हुआ जरूरी नही है।


इस समय पर आप का सिसु काफी बड़ा हो जाता है। और उसके चारों तरफ मोहजूद अमेटिक ब्लड उसको कैप्चर करने में हेल्प करती है। जिससे स्क्रेन पर एक तस्वीर बन जाती है । इसकी बाद अगर आपके स्क्रेन से होने वाले baby में कुछ भी प्रॉब्लम होने का पता चलता है। 


तो आपका उस पर चिंतित करना जरूरी है। क्योकि कई बार वैजाइना से किसी भी प्रॉब्लम के पता ही चल पाता है। कुछ मामलों में scan छोटे बदलाव दिखा सकते है । जो कि आमतौर पर कोई चिंता का कारण नही होते है । हालकि कभी काल ये गंभीर इस्तिति जैसे कि ड्रॉ डुम का संकेत होता है । 

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इसलिए अगर scan में किसी भी गंभीर समस्या का पता चले । तो Ultrasound doctor से मिली सूचना के आधार पर doctor kids side करेंगे । कि होने वाले बच्चे के लिए अच्छे से अच्छे क्या हो सकता है । 


वैसे तो बाहरी समस्यो में सिसु का ऑपरेशन करने की जरूरत हो सकती है । चाहे जन्म के बाद या गर्व के भीतर या फिर आपको ये संभवना के लिए तैयार होना पड़ सकता है । कि आपके शिशु को जन्म के बाद खाश देख पाल के जरूरी होगी । ताकि आप ओर आपका होने वाला baby दोनों हेल्दी रहे । 


 तो अगर आपको हमारे ये पोस्ट अच्छा लगा होगा । तो ऐसे ही प्रेग्नेंसी से रेलेटेड पोस्ट को पढ़ने के लिए हमारे blogg को subscribe जरूर करे।  तो अगर आपके मन मे कोई सवाल है । तो comment box में जरूर बताये । 


तो आज के लिए इतना ही हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए आप शभी लोगो को दिल से धन्यवाद ,,,,,,,


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