2023 में शिव रात्रि पूजा कब है ?
जय महाकाल दोस्तो , दोस्तो एक बार फिर से स्वागत है । आप सभी लोगो का हमारे ब्लॉग में SAWAGAT HAI . कैसे है आपलोग । दोस्तो आज हम बात करेंगे । कि 2023 में महाशिवरात्रि का पर्व कब मनाया जाएगा ।
2023 में शिव रात्रि पूजा कब है
इसके दिनांक तिथि क्या होगी । निशित काल का सुभ मुहूर्त्त क्या होगा । महाशिवरात्रि प्राण का मुहूर्त क्या होगा । जी हां दोस्तो सन 2023 में महाशिवरात्रि कब है। इससे जुड़े हम सम्पूर्ण जानकरी बताने वाले है । तो पोस्ट को आपलोग अंत तक पढ़े । तो चलिए पोस्ट को शुरू करते है।
2023 में शिव रात्रि पूजा कब है ?
दोस्तो आमतौर पर शिवरात्रि का व्रत हर माह आता है। जिसे हम माशीक शिवरात्रि कहते है। लेकिन फागुन के महीने में कृष्ण पक्ष की चथुर्थी को माह शिवराज मनाया जाता है।
इस दिन भगवान शिव को प्रश्न कर भक्त तन मन से शिव की उपसना करते है । उस दिन भगवान शिव अपने भक्त के इच्छा को अनसुना नही करते है । वो सब के मन मे मनोकामना पूरा करते है । इस दिन भगवान शिव के पूजा करने से आप जीवन से सभी परेशानियों का नाश होता है।
इसके अलावा भगवान शिव के कृपया आपके ऊपर हमेशा के लिए बना रहता है । पोराणिक मान्यताओं के मुताबिक महाशिवरात्रि के इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह हुआ थे । इसलिए इस दिन भगवान शिव और पार्वती के पूरे विधि विधान से पूजा किया जाता है।
शिव रात्रि पूजा में क्या - क्या चढ़ाए ?
ओर उन्हें भांग धतूरा ओर बेल पत्ता ओर बेर चढ़ाए जाते है । इस दिन कई लोग धार्मिक अनुष्ठान ओर धार्मिक कथाओं से महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करते है। मान्यता है। कि इस दिन महामृत्युंजय मंत्र को जाप करने का विशेष महत्व होता है।
ओर हमारे सभी भावना पूर्ण होती है। इस दिन अधिकतर घरों में लोग शिवरात्रि का व्रत रखते है। और शाम को फलहर वर्त को पूरा करते है। देश भर में कई अस्थानो पर शिव बारात निकाली जाती है । और धूमधाम से यह त्योहार मनाया जाता है ।
महाशिवरात्रि पूजा के विधि क्या है ?
महाशिवरात्रि के पूजा आप आरंभ त्रयोदय तिथि से ही कर ले । इस दिन जल्दी उठकर अस्नान करना है। और स्वस्थ्र बस्त्र पहने ओर पूजा वाले अस्थान को अच्छे से सफाई कर लेना चाहिए । भगवान शिव और माँ पार्वती के प्रतिमा को लकड़ी चॉक के इस्तेमाल करना चाहिए । और उच्च से अस्थन में रखना चाहिए ।
ओर पंच मृत से अस्नान करवाना चाहिए । शिव लिंग को भी अस्नान करवा कर बेल पत्र और धतूरा , फल , भांग ओर मिठाई का भोग लगाएं । शिव को चंदन का तिलक लगाकर अर्पण करे । और माता पार्वती का फूल ओर सिंदूर चढ़ते है।
सच्चे मन से महाशिवरात्रि का पूजा करने का संकल्प करें । और मंदिर में जाकर गंगा जल जरूर चढ़ाए । महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर चलिये अब जानते है।
2023 में महाशिवरात्रि कब है।
इस साल यानी की 2023 में महाशिवरात्रि व्रत 18 फ़रवरी 2023, दिन शनिवार को मनाया जायेगा.
Maha Shivaratri 2023 Date | 18 February 2023, Saturday 18-02-2023 |
महाशिवरात्रि 2023 तिथि | 18 फ़रवरी 2023, शनिवार |
Read also आखिर शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता है।
Read also अपने मृत्यु के तारीख को जानें! Know your date of death!
Read also इंसान की मृत्यु क्यों होती हैं? मृत्यु कैसे होती है जानें!
महाशिवरात्रि 2023 का मुहूर्त
समय ?
फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि प्रारंभ | 18 फ़रवरी 2023, शनिवार 08:02 pm |
फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि समाप्त | 19 फ़रवरी 2023, रविवार 04:18 pm |
शिवरात्रि पर 10 लाइन निबंध ?
1 महाशिवरात्रि हिंदुओ के सबसे ,
महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है।
2 महाशिवरात्रि का अर्थ है ,
भगवान शिव की महान रात
3 महाशिवरात्रि वह दिन है ,जब भगवान शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था ।
4 महाशिवरात्रि हिंदू कैलेंडर के
फागुन महीने के 13 वी रात ओर 14 वे दिन में पड़ती है ।
5 सुबह - सुबह भक्त भगवान शिव की पूजा करने मंदिरों में जाते है।
6 प्राथना में लोग हर - हर महादेव ओर ओम नमः शिवाय के नारे लगाते है।
7 कुछ भक्त महाशिवरात्रि के अवसर पर
उपवास भी रखते है।
8 महाशिवरात्रि पर लोग अपने घरों
ओर मंदिरों में रुद्राभिषेक भी करते है।
9 मंदिरों में लोग प्राथना के रूप में शिवलिंग
पर पानी और दूध चढ़ाया जाता है।
10 महाशिवरात्रि के दिन लोग शिवलिंग ओर माता पार्वती की मूर्तियां पर बेल के पत्ते भांग यदि चढ़ते है।
तो दोस्तो आप तो हमारे पोस्ट के माध्यम से ये जाना होगा । कि शिवरात्रि कब है। और शिवरात्रि के ऊपर10 line में निबंध भी आपको पढ़ने को मिल गया होगा । तो दोस्तो उम्मीद है। कि ये जानाकरी आपको पसंद आया होगा ।
तो क्या आप भी शिवरात्रि पूजा का व्रत करते है। हमे comment box में जरूर बताये । ओर ऐसे ही amezing fects के लिए हमारे blogg को subscribe जरूर करे । तो दोस्तो हमारे साथ पोस्ट के अंत तक बने रहने के लिए आप सभी को दिल से धन्यवाद ,,,, जय महाकाल
No comments:
Write comment