". putra prapti ke upay शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के 11 गुप्त उपाय | पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय - Hindi me jane

putra prapti ke upay शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के 11 गुप्त उपाय | पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय

By:   Last Updated: in: ,

 putra prapti ke upay:- आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको शिव पुराण के पुत्र प्राप्ति के उपाय, जो हमारे ग्रंथों में गुप्त रूप से लिखे गए हैं, की जानकारी देते जा रहे हैं। हम यहां आपको कुछ सरल और ऐसे विशेष उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें देखकर आप पुत्र रत्न की प्राप्ति कर सकते हैं या लक्ष्मी संत का श्रृंगार प्राप्त कर सकते हैं।


putra prapti ke upay

हमारे HINDU dharm के कई ग्रंथों में पुत्रों की महत्ता बताई गई है। ऐसा कहा जाता है कि जिस इंसान को पुत्र की प्राप्ति नहीं होती, उसके लिए मोक्ष की प्राप्ति कठिन होती है। सिद्धांत यह है कि जब तक पुत्र के पिता का पिंडदान नहीं होता तब तक पिता की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती।

लेकिन कई बार किसी दोष जैसे कुंडली-दोष, पितृ-दोष या वस्तु-दोष के कारण व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति नहीं होती है। इस स्थिति में आप आज और अभी से ही देवो के देव महादेव की आराधना शुरू कर सकते हैं।

तो आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए शिव पुराण के पुत्र प्राप्ति के कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं जिनके अनुसार आप सुनिश्चित हैं कि उत्तम पुत्र की प्राप्ति होगी। लेकिन इसके लिए आपके मन में पूर्ण विश्वास और श्रद्धा का होना बहुत ज़रूरी है।


1 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


पुत्र प्राप्ति के लिए अब जो उपाय हम आपको बता रहे हैं वो बहुत ही आसान है। hindu dharm शास्त्रों में बांस के पेड़ के वंश को जोड़ा गया है। आगे वर्णित शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय में बांस के पत्ते का प्रयोग बताया गया है।


शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए आप हर दिन शिवजी के बांस के पत्ते से अभिषेक करें। अब प्रश्न यह है कि बांस के पत्ते से अभिषेक कैसे करें।

शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के 11 गुप्त उपाय 

शिवलिंग का बांस के पत्ते से अभिषेक करने का एक तरीका ये है कि आप पहले बांस के एक पत्ते को पीस लें, फिर उसे गाय के दूध में मिला दें। अब किसी भी शिव मंदिर विक्रेता से इस दूध से लिंग का अभिषेक करें।


शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय

बांस के पत्तों से अभिषेक करने का दूसरा तरीका ये है कि आप सबसे पहले बांस के पत्तों को जल या दूध से अभिषेक कर लें, तदुपरांत बांस के पत्तों को लेकर अभिषेक कर लें।

पूजन के दौरान भोले बाबा से पुत्रप्राप्ति की कामना बनी रहती है। आपके पुत्र का मन अवश्य पूर्ण होगा।

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय इस पोस्ट को लोगों के साथ शेयर करें

पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय

2 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति का यह उपाय केवल पुत्रदा एकादशी के दिन किया जा सकता है। आपको टीचर्स की पुत्रदा एकादशी वर्ष में केवल दो बार आती है। प्रथम पुत्रदा तृतीया श्रावण मास में तथा दूसरी पौष मास में आती है।


इनमे से श्रावण मास की जो पुत्रदा तिथि होती है ये संत की वृद्धि करने वाली और सर्वोत्कृष्ट संत प्रदान करने वाली होती है।

जिस भी नारी को बहुत प्रयास करना चाहिए बाबजूद भी नहीं हो रही हो वो नीचे दिए गए शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय को जरूर देखें।

उपाय की विधि और नियम

  • यह उपाय आप किसी भी शिव मंदिर में कर सकते हैं।

  • अपने घर में साबूदाने या चावल की थोड़ी सी खेड बना लें।

  • उस खेड को छोटे से कटोरी में रख लें।

  • एक और कटोरी में थोड़ी मात्रा में गाय का घी रख लें।

  • अपनी पूजा की थाली में अन्य पूजन सामग्री के साथ इन दोनों कटोरियों को भी रख लें।

  • इसके अलावा 2 बेलपत्र और 1 लंबी बाती वाला देसी घी का दीपक भी रखें।

  • अब इन बोस लेके शिव मंदिर में।

  • शिवलिंग के पूजन के बाद, इन दोनों कटोरियों को शिवजी के साथ रखें।

  • अब जो दो बेलपत्र आप लाये उन्हें शिवलिंग पे समर्पित करें।

  • शिवजी की चौखट पे घी का दिया स्मारक कर विध्वंस।

  • अब शिवजी को जो दो बेलपत्र सौंपे गए थे उन्हें वापस उठा लें।

  • एक बेलपत्र बाबा की चौखट पर सात संत प्राप्ति का मन करते हुए खा लें।

  • दूसरे बेलपत्र को घर पर रखकर अपने पति को खिलाएं।

  • इस विधि से पुत्रदा एकादशी के दिन भक्ति से मुक्ति पाने के इस उपाय से भगवान भोलेनाथ से अपने पुत्रप्राप्ति की मनोकामना पूरी करें।


3 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति का यह उपाय विशेष रूप से सावन माह में श्रेष्ठकर होता है। इस महाउपाय को करने के लिए स्त्री और पुरुष दोनों को सुबह जल्दी उठना और पूरे दिन व्रत रखना होता है।

अब पति-पत्नी दोनों एक साथ मिलकर जेनहू के साथ 11 पार्टिकल लैंग्वेज का निर्माण करेंगे। पार्थिव लिंग निर्माण के बाद प्रत्येक वेद का अभिषेक शिव महिम्र स्त्रोत के श्लोकों का अलग-अलग पाठ किया जाता है।

शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय

इस प्रकार आप 11 बार शिव महिमा स्त्रोत का पाठ भी पूरा कर लेगें। यदि आप ऐसा करना संभव नहीं है तो पूजा और अभिषेक के लिए किसी विद्वान ब्राह्मण को मंत्रमुक्त करें।

पूजन के लिए पितृत्व अभिषेक का पवित्र जल पति-पत्नी दोनों पीएं और महादेव से पुत्रप्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।


किसी नदी या पोखरा के बहते जल में पौराणिक मूर्ति प्रवाहित कर दें। यदि ये संभव न हो तो अपने घर के जल को किसी भी स्थान पर रखें और उसी जल में पार्थिव शिवलिंग को प्रवाहित करें। बाद में उस जल को किसी मंदिर या पीपल के पेड़ के नीचे डाल दें।

यह प्रयोग 21 दिन तक या फिर 21 सोमवार को पूर्ण श्रद्धा और भक्ति से करने पर शिव कृपा से पुत्रप्राप्ति की कामना शीघ्र ही पूरी हो जाती है।

 Read also

4 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या

अब हम जो शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय बता रहे हैं वो बहुत ही आसान है। शिव महापुराण में यह उपाय बताया गया है जिसे करने के लिए आपको दो दीवानों की आवश्यकता होगी। पहला श्रीफल अर्थात नारियल और दूसरा पीला या लाल वस्त्र।


वस्त्र इतना ही बड़ा लें कि आप इसे नारियल के ऊपर 1, 5 या 7 बार के परिधान के साथ पहनें। और अगर लपेटने के बाद कपड़ा बच जाए तो उस कपड़े को छोड़ दिया जाए।

अब इन दोनों युवतियों को लेकर जाएं कोई भी शिव मंदिर। अब लाये गए कपड़ों को कोको पे लपेटें। कपड़े को लपेटते समय पुत्रप्राप्ति की भावना को मन ही मन बोलें।

अब वस्त्र में इस श्रीफल को लगाने के लिए जमीन पर जगह बनाई गई है। ध्यान रहे की श्रीफल धारण करते समय नारी को अपना नाम और अपना गोत्र बोलना होता है।

ऐसा कर शिवजी को प्रणाम कर घर वापस आ जाओ। देवाधिदेव महादेव शीघ्र ही आपके इच्छित संत की भावना पूर्ण कर देंगे।


5 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


अब जानते हैं शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के अगले उपाय के बारे में। इस उपाय को करने के लिए आपको लाल चंदन, पीला चंदन और 1 बेलपत्र की जड़ की जरूरत है।

इस उपाय में आपको अपने मन में संतान प्राप्ति की भावना रखते हुए लिंग का धारण करना होता है। अब वाल्व का श्रृंगार किस विधि से करना है ये जान लें।

सबसे पहले लाल चंदन और पीला चंदन का अलग अलग लेप लें। अब आपके पास जो 1 बेलपत्र है उसके ऊपर के पत्ते पर लाल चंदन का लेप लगा है। और नीचे के शेष दोनों पत्ते पर पीले चंदन का लेप लगा।

अब इस लेप लगे बेलपत्री, लाल और पीली चंदन और जल को लेकर किसी भी शिव मंदिर में।

सबसे पहले पहुंचें एक लोटा जल भोलेनाथ के लिंग पर समर्पित कर।

अब अपने हाथ को धो लें। हाथ धोने के बाद लिंग पे फिर से एक लोटा जल समर्पित करें।

इसके बाद जो आप लाल चंदन लेकर आए थे वह लाल चंदन से भोलेनाथ का श्रृंगार करना है यानी पूरी बोली पर बहुत ही अच्छे मन से लाल चंदन का लेप रूम है। फिर जो माता पार्वती का स्थान है उस स्थान पर भी है लाल चंदन। अशोक सुंदरी वाले स्थान पर भी लाल चंदन का लेप करें। ऐसे करें पूरा श्रृंगार लाल चंदन का लेप लगाएं।

लाल चंदन का लेप समय महादेव और माता पार्वती से अपने पुत्र प्राप्ति की कामना को बोलें।

फिर आपने वह बेलपत्र जिसमें पीला चंदन और लाल चंदन शामिल था, उसे शिवलिंग के ऊपर समर्पित कर दिया।

इस बेलपत्र को समर्पित करने के बाद एक और लोटा जल लिंग पे समर्पित करें।

ठीक इसी प्रकार हर दिन आप भोले बाबा का लाल चंदन और एक बेलपत्र से श्रृंगार करें। भगवान शंकर शीघ्र ही आपके पुत्रप्राप्ति का मन पूर्ण कर देंगे।

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय इस पोस्ट को लोगों के साथ शेयर करें


6 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय में एक उपाय भी है। इस उपाय को करने के लिए पति और पत्नी दोनों को साथ में बिजनेसमैन सफेद आंकड़े की जड़ को लाना होता है। यदि किसी कारणवश पति नहीं जा सकता तो पत्नी अकेली ही ग्राहक सफेद आंकड़े की जड़ को लेकर आ सकती है।

अब इस सफेद आंकड़े की जड़ को लेकर शिवजी के मंदिर में और शिवलिंग पर इसे 21 बार घुमाएं और घुमाते समय तुमरूका जी का नाम स्मरण करें। अब उस जड़वत को लाल कपड़ों में लपेटकर लाल चश्मे से अपनी कमर में बांध लें।

शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय

सफेद पत्ते की जड़ को बांधने के बाद शिव पुराण के पुत्रप्राप्ति के उपाय का यह वर्णन है कि आपको प्रति दिन एक महीने तक पीपल का एक पत्ता तोड़ना है। उस पत्ते को ढोकर भगवान शंकर के शिवलिंग पर समर्पित करें और कुंडकेश्वर महादेव को स्मरण करते हुए वापस अपने घर ले जाएं।

अब गाय के दूध में उस पत्ते को खा लें और जब दूध ठंडा हो जाए तो पत्तों को निकाल कर किसी भी पेड़ के नीचे रख दें। उसके बाद पति और पत्नी दोनों ने सोने के पहले उस दूध को पी लिया। पीपल के पत्तों का सेवन 1 महीने तक करें।


अगर आप अचेतन हो जाएं तो होते से ही नहीं दिखेंगे। घटना के तीन महीने बाद तक भी सफेद अकड़े की इस जड़ को अपने कमर में बांधे रखें। तदुपरांत इस जड़ोत को ईसाई किसी भी प्रकार के वृक्ष के नीचे देखें।


Read also Dhani App क्या है ? | और इससे Loan कैसे लें।

Read also    पैसा कमने का 6 तारीका जाने। paisa kamane ka 6 tarikh ka jaane

  Read also     सिम कार्ड खो जाने पर क्या करें? - Sim Card kho jata hai, to kya kare? - पूरी जानकारी!


7 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति का यह उपाय आपको किसी भी सोमवार की अष्टमी को करना सर्वोत्तम होगा। अगर ऐसा ना कर आकर्षण तो किसी भी सोमवार को करें।


ये है किसी भी सोमवार या सोमवार की अष्टमी के दिन, जिस दिन भी सोमवार की अष्टमी हो, उस दिन बेलपत्र के पेड़ के नीचे एक ब्राह्मण - ब्राह्मणी और उनके बच्चे को प्रसाद चढ़ाने का भोजन खिलाना चाहिए।

भोजन के पहले एक देसी घी का दिया बेलपत्री के पेड़ के नीचे श्रद्धांजलि कर दें।

खेड का भोजन उद्घाटित होने के बाद उनकी ही खिलखिलाती खेड को पुत्र प्राप्ति की इच्छा हुई और उन्होंने उसी बेलपत्र के पेड़ के नीचे बैठकर खा लें। ऐसा करने से महादेव की कृपा से तीन महीने में ही संत का मन पूर्ण कर देंगे।



8 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


संत की प्राप्ति के लिए आपको प्रतिदिन शिवजी का पूजन करना चाहिए। अब शिव महापुराण में जो उपाय बताया गया है वह पुत्र प्राप्ति के उपाय से अत्यंत सरल उपाय है।

यह उपाय करने के लिए आप हर सोमवार को किसी भी शिव मंदिर में जाएं और पुत्र की मनोकामना लेकर वहां पर कुछ दानों की पूजा करें।

यहां खरीदें किसी भी शिव मंत्र का जाप। निश्चित ही संत की प्राप्ति होगी।


Read also  Mini ATM pack - RNFI services

Read also  बिना ओटीपी के whatsapp कैसे चलाएं - how to run whatsapp without otp

Read also इंसान की मृत्यु क्यों होती हैं? मृत्यु कैसे होती है जानें!


9 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


हमारे हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि महादेव को धतूरे का फूल या धतूरे का फल अतिप्रिय है। आगे वर्णित शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय में धतूरे का ही अर्थ बताया गया है।


शिवलिंग पर धतूरे का फूल या फल चढ़ाने से व्यक्ति के जीवन के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं। अगर आपको वास्तु-दोष, कुंडली-दोष या फिर पितृ-दोष की वजह पुत्र की प्राप्ति नहीं हो रही है तो ये उपाय जरूर करें।

महादेव ने मांगी है तो आपकी पुत्रप्राप्ति की प्रार्थना अवश्य स्वीकार होगी।


10 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय में अगला उपाय केवल बैशाख मास में ही किया जाता है। इसके सिवाए आपको अन्य किसी भी समय अनुमति नहीं देनी चाहिए। और यदि यह उपाय बैशाख मास की शिवरात्रि, अष्टमी तिथि या फिर किसी भी सोमवार के दिन किया जाए तो इसका विशेष फल मिलता है।


इस उपाय के लिए आपको 1 मिट्टी का कलश और 1 चम्मच के कलश की आवश्यकता है। अब दोनों ही कलश में घर का जल भर रहे हैं। भूजल से अलग, मिट्टी के कलश के ऊपर मिट्टी के कलश को रखना।

अब जल से पहले इन दोनों कलशों को हाथ में ले किसी ऐसे वट-वृक्ष के पास रखें जहां कोई लिंग स्थापित न हो।

विधि के मिश्रण से सीधे हाथ में मिट्टी का कलश लेकर पहुंचें और उल्टे हाथ यानी बाएं हाथ से मिट्टी के कलश को पकड़ें। अब माता प्रसूति, दक्ष प्रजापति और माता वीराणी, इन तीनों का स्मरण धीरे-धीरे करते हुए जलाभिषेक करें।


एक ही दिन में एक ही दिन में एक साथ पति-पत्नी ने जल का पान किया। इतना कर लेना भी महादेव की इच्छानुसार प्रस्ताव ही प्रदान करता है।

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय इस पोस्ट को लोगों के साथ शेयर करें


11 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


जब भी किसी कारण से आपके वंश में वृद्धि नहीं हो रही हो तो शिव महापुराण में भगवान शिव के सारस पारिजात के पुष्पों से करने का विधान बताया गया है। आगे बताया गया है, शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय में, पारिजात के पुष्प का वर्णन है।


यह उपाय आप किसी भी सोमवार या शिवरात्रि या फिर सोमवार की अष्टमी को कर सकते हैं। इस उपाय को करने के लिए पारिजात के 50 -60 पुष्पों की आवश्यकता होगी।


अब आपको करना है ये पारिजात के फूलों के पीछे केसरया रंग का जो भाग होता है, उसे तोड़कर अलग कर लें। अब इस केसरिया रंग के इस भाग को छाया में खोजने के लिए छोड़ दें।


शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय

पारिजात फूल से पुत्रप्राप्ति के उपाय

जब ये सुख जाए तब बढ़िया से बढ़िया पीसकर पाउडर बना लिया जाता है। इस तरह से तैयार है पारिजात पुष्प से बना केसरी चंदन पाउडर पाउडर।

अब इसी केसरी चंदन और पारिजात के पुष्प एक को लेकर शिव मंदिर।


सबसे पहले शिवलिंग पे अशोक सुंदरी वाले स्थान पर आपको पारिजात का पुष्प समर्पित करना है। पुष्प समर्पित समय करो जो पुष्प की डंडी होगी वो भोलेनाथ के लिंग की तरफ होगी और जो फूल वाला मुख दूसरी तरफ होगा।

इसके बाद फिर से इस पुष्प को उठाया गया है और माता पार्वती का जो हस्त कमल है उसे समर्पित किया गया है। जब माता पार्वती के हस्तकमल पर इस पुष्प को समर्पित किया जाए तो पूजने वाले का मुख आपकी तरफ होना चाहिए और फूल वाले भाग में भोलेनाथ के लिंग की तरफ होना चाहिए।

फिर से खरीदें इस पुष्प को उठा लें और फिर चढ़ाएं पर इस पुष्प को समर्पित करना है। पुष्प इस तरह से पोस्ट की गई पोस्ट वाला भाग लिंग पे होना चाहिए और जो पुष्प का सफेद वाला भाग है वो आपकी तरफ हो।


इसके बाद जो आपने पारिजात के पुष्प का चंदन बनाया था, उसमें थोड़ा सा सा पानी मिलाकर उसका त्रिपुंड भोलेनाथ के लिंग पर बनाया था। पूरी विधि के दौरान संतुष्ट संतान की मन में स्थिति बनी रहती है।


इस प्रकार से यदि आप पारिजात के पुष्प से महादेव की आराधना करते हैं तो एक बार जरूर देखें कि भोलेनाथ आपके वंश के स्वरूप को शीघ्र पूर्ण कर देंगे।


12 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय में इस उपाय से होता है लोध-गोपाल का दर्शन। यदि आप इच्छित संत को प्राप्त करना चाहते हैं तो अपने घर एक लोध गोपाल के अनुयायी बनें और उनकी पूजा-अर्चना शुरू कर दें।

लोध गोपाल के समान गोपाल शांति मंत्र का जाप तुलसी की माला से करें। लोध गोपाल को चंदन लगा तुलसी दल भी समर्पित करें, हो सके तो रोज माखन मिश्री का भोग अर्पण करें।


भगवान से समर्पित भाव से निरोग, दीर्घजीवी, अच्छे चरित्र वाले, स्वस्थ मंद पुत्र की कामना करें। ऐसा करने पर बहुत ही जल्दी आपके पुत्र प्राप्ति का मन पूर्ण हो जाएगा।


13 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


शिव महापुराण के अनुसार भगवान शंकर को महादेव ने भी कहा है यानि वो देवो के भी देव हैं। साथ ही महादेव को पृथ्वी लोक का देवता भी कहा गया है। इस लोक में व्यक्ति भी जीव है, जिसमें भी जीवन है उसे शिव ही संचालित करते हैं।

शिवजी को बिल्व-पत्र अति-प्रिय है। ऐसी कहावत है कि बेलपत्री के वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास होता है।

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के इस उपाय में प्रत्येक सोमवार को शनि प्रदोष काल में किसी बेलपत्री के पेड़ के नीचे घी का जलना होता है। दीपक कृष्णा ने की शिवजी से पुत्र प्राप्ति की कामना। भगवान भोलेनाथ शीघ्र ही आपका ये मन पूर्ण कर देंगे।


14 शिव पुराण के अनुसार पुत्रप्राप्ति के उपाय संख्या


अकेले महादेव ऐसे हैं जो दृढ़ हैं तो भगवान ब्रह्मा की वाणी को भी बदला जा सकता है। फिर रिंक वल्कल से संबन्धित समस्या हो, रिंक किसी प्रकार का पितृ-दोष या वस्तु-दोष हो या फिर रिंक कोई शारीरिक या मानसिक कष्ट ही क्यों ना हो।


सावन का देवता भगवान शंकर को बहुत प्रिय है। कहते हैं श्रवण माह में भोले नाथ अत्यंत आकर्षक मुद्रा में होते हैं। पुत्रप्राप्ति का ये उपाय अगर आप हर सोमवार को मासिक धर्म का अवलोकन कराते हैं तो ये विशेष फल मिलता है।


शिव पुराण में ऐसा वर्णन है कि प्रत्येक सोमवार को 21 कन्याओं को भोजन से भोजन कराकर शीघ्र ही संत की प्राप्ति हो जाती है।


No comments:
Write comment