". सुरक्षा एवं स्वास्थ्य Safety and Health - Hindi me jane

सुरक्षा एवं स्वास्थ्य Safety and Health

By:   Last Updated: in: ,

 

सुरक्षा एवं स्वास्थ्य Safety and Health



सुरक्षा एवं स्वास्थ्य Safety and Health

 आज हम विद्युत सुरक्षा एवं स्वस्थ  के बारे में कुछ बताने जा रहे हैं कैसे बिजली के काम करना चाहिए कैसे सेफ्टी के अनुसार काम करना चाहिए उसके बारे में मैं कुछ बताने जा रहे हैं 

 1 सुरक्षा एवं स्वास्थ्य Safety and Health

 परिचय Introduction किसी भी व्यवस्थ्य की सफलता और उत्तरोत्तर प्रगति सुरक्षित कार्य - क्षेत्र तथा उत्तम स्वास्थ्य पर निर्भर करती है । यही कारण है कि प्रत्येक देट में कारीगर की सुरक्षा और उसके उत्तम स्वास्थ्य को सर्वोच्च वरीयता दी जाती है । प्रस्तुत अध्याय के लिए पाठ्य - वस्तु का समायोजन इस वरीय आधार पर किया गया है । 

.Electricity आकाश में विद्युत या बिजली का चमकना और पत्यिक एवं काले रंग की वस्तुओं पर बिजली का गिरना (वजरपत) ऐसी घटनाएं हैं जिनसे मानव युगों से परिचित है । मानव के मस्तिष्क में पटनाओं का कारण जानने एवं उनको उपयोग में लाने की आकांक्षा रही है  । Thales ने इस प्रवाह को इलैक्ट्रिक ( विद्युत ) नाम दिया जो आज भी उसी रूप में प्रचलित है । स्पोकि यह विद्युत , स्थिर स्वभाव वालो यो अत : इसे स्थैतिक विद्युत ( static electricity ) नाम से जाना गया । वर्षों बाद अन्य वैज्ञानिको ने अनेक दूसरे पदार्थ - युगलो के पारस्परिक पर्षण से विद्युत पैदा की । इस प्रकार की विद्युत का कोई व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जा सकता । उन्नीसों शताब्दी में वोल्टा ( Volta ) नामक वैज्ञानिक ने रासायनिक पदार्थों की पारस्परिक क्रिया से ऐसो विद्युत पैदा की जिसे तारों में प्रवाहित किया जा सकता था और उपयोग में लाया जा सकता था : पह विद्युत , पल विद्युत ( dynamic electricity ) कहलाती है । इसके बाद फैराडे ( Fariday ) नामक वैज्ञानिक ने चुम्बकीय बल रेखाओं का , पातिवक चालक द्वारा लगातार छेदन करके पल विद्युत का उत्पादन किया । तत्पश्चात् विद्युत के उत्पादन एवं इसके अनुप्रयोगों ( applications ) की तकनीक को खोजने का जो सिलसिला प्रारम्भ हुआ वह आज तक जारी है । इस प्रकार , विद्युत एक प्रकार को कर्जा है जिसे उसके अनुप्रयोगों में ( ऊष्मा , प्रकाश , पान्त्रिक ऊर्जा आदि के रूप में ) अनुभव किया जा सकता है । अन्य ऊर्जाओं की भाँति ही इस ऊर्जा को भी अन्य ऊर्जाओं के रूपान्तरण के द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है । 

 विद्युत्कार Electrician " वियुत चालित उपकरणों का निर्माण , अनुरक्षण ( maintenance ) और मरम्मत work करने वाला कारीगर विद्युत्कार कहलाता है । दूसरे शब्दों मे , " व्यावसायिक प्रशिक्षण की यह शाखा जिसमें विद्युत धालित उपकरणों का निर्माण , अनुरक्षण एवं मरम्मत का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है , विद्युत्कारी कहलाती है । " इस व्यवसाय के अन्तर्गत पैयुतिक motor generator alterneter inverter converter rectifayar transfer ,  ,  ,  बायरिंग आदि के अनुरक्षण तया मरम्मत कार्य का प्रशिक्षण दिया जाता है । वास्तव में विद्युत्कार एक बहुमुखी प्रतिभा नद्याला कारीगर है ये समाज एवं उद्योगों का एक आवश्यक अग बन चुका है।

 व्यवसाय का महत्त्व Importance of the Trade जीवन के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में वैद्युतिक ऊर्जा उपयोग की जाती है । अत : विद्युत्कारों की आवश्यकता सदेव बनी रहेगी । विद्युत्कार हा क्या किसी जाता है क्योकि एक अच्छा विद्युत्कार अनेक प्रकार को विद्युत चालित मशीनो का ' मास्टर ' होता है । इसके अतिरिक्त , शहरों और कस्बों में भी प्रकार के कुशल कारीगर को रोजगार का अभाव नहीं रहता । यूरोप के देशों में तो एक विद्युत्कार का महत्त्व एक इंजीनियर के समकक्ष माना रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए भी विद्युत का प्रारम्भिक ज्ञान लगभग आवश्यक है , क्योकि उसे विद्युत चालित मशीनों को उपयोग में लाना पड़ता है । किसी भी आकस्मिक दुर्घटना अथवा मशीन में मामूली खराबी के समय यह प्रारम्भिक ज्ञान ही उसके काम आता है जिससे वह अपनी सुरक्षा भी कर सकता है और मशीन की भी । इस प्रकार , विद्युत्कार व्यवसाय एक महत्त्वपूर्ण व्यवसाय है और इसका भविष्य उज्ज्वल है । 


Read also morpho 1300 e3 driver download 32-bit in Hindi

Read also एयरटेल से एयरटेल में एमबी या डाटा कैसे ट्रांसफर करें?

Read also Online sim card kaise band Karen. सिम कार्ड कैसे बंद करें।



. व्यवसाय का भविष्य Future Prospects वर्तमान समय में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में वैद्युतिक ऊर्जा का उपयोग लगभग आवश्यक हो गया है । घरों , कार्यालयों , विद्यालयों , व्यापारिक rai प्रतिष्ठानों , औद्योगिक अधिष्ठान अधात्र लगे धेसिक क्रा का उपयोग खगुप्तक आजारप्रयोग की जाती है । अनेक नए क्षेत्रों में विद्युत का उपयोग बढ़ रहा है । अत : अधिकाधिक विद्युत उत्पादन करना आवश्यक है । इस प्रकार प्रशिक्षित विद्युत्कारों की आवश्यकता सदैव ही बनी रहेगी । एक दक्ष विद्युत्कार स्वयं का अपना व्यवसाय भी प्रारम्भ कर सकता है और दूसरे व्यक्तियों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकता है । वर्तमान युग में इस व्यवसाय को भी अनेक शाखाएँ पैदा हो गयी है ; जैसे -motor wiring pump set   ,  मैकेनिक , कूलर्स एवं फैन मैकेनिक , घरेलू वायरिंग मैकेनिक , औद्योगिक वायरिंग मैकेनिक आदि । जल विद्युत सम्बन्धी उपकरणों का व्यवसाय बहुत विशाल है । आज प्रतिवर्ष करोड़ों - अरबों रुपयों का कारोबार करने वाले वैद्युतिक औद्योगिक प्रतिष्ठान स्थापित हो चुके है । विद्युत उत्पादन की विशाल पोजनाएं मूर्त रूप धारण कर रही हैं जिनमें अरबों रुपयों को सम्पत्ति लगी हुई है । इस प्रकार , इलैक्ट्रीशियन व्यवसाय का भविष्य पूर्णतया सुरक्षित है ।

  सुरक्षात्मक उपाय Safety Measures जहाँ विद्युत एक बहु उपयोगी ऊना है वहीं यह मनुष्य के जीवन के लिए पातक भी सिद्ध हो सकती है । किसी भी असावधानी अथवा सुरक्षात्मक ला उपाय के अभाव में मनुष्य के शरीर में विद्युत धारा प्रवाह स्थापित होना उसके जीवन के लिए पातक हो सकता है । अतः यह आवश्यक है कि का अनुपालन करें । इस प्रकार , मश्वेनो तथा कारीगरों दोनों की हो सुरक्षा होगी ।

 दुर्घटनाओं के कारण एवं उनका निवारण Causes of Accidents and their Remedies कार्यशालाओं में होने वाली दुर्घटनाओं में तभी कमी लाई जा सकती है जब कारीगर एवं प्रबन्धक दोनों ही इस ओर ध्यान दे । कुछ प्रमुख कारण 

1. खतरे के प्रति जागृत  न होना ।

 2.  sefty के प्रति लापरवाह होना 

।3 work के prati गम्भौर न होना ।

 4 tools का सही प्रयोग निम्नवत् है   ।

 5. सुरक्षात्मक सावधानियों का जानकारी न होना । 

6. कार्यशाला , कार्य करने के योग्य न होना । 

7. कार्यशाला में कार्य करना सुरक्षित न होना । 

8. कार्यशाला में स्वच्छ वायु का निर्वाध आवागमन न होना । 

9. कार्यशाला में अच्छा से रोशनी ना होना।

 उपरोक्त कारणों में से प्रथम पांच कारणों के निवारण के लिए कारीगरों एवं कर्मचारियों को ध्यान देना चाहिए और शेष चार कारणों के निवारण आयोजित करके उपरोक्त कारणों के निवारण के लिए कारीगरों से सुशव लेने चाहिए और योग्य प्रवक्ताओं द्वारा सुरक्षात्मक सावधानियों का के लिए प्रबन्धको को ध्यान देना चाहिए । सही विधि से , सही स्थान पर हो सही कार्य किया जा सकता है । प्रवन्धकों को समय - समय पर सेमिनार ' प्रचार - प्रसार करते रहना चाहिए ।।

सुरक्षा संकेतों का प्रदर्शन Display of Safety Signs for कार्यशालाओं में सुरक्षा सम्बन्धी संकेतों के प्रदर्शन के निम्न चार प्रकार होते हैं 

1. निषेधात्मक ( Prohibitive ) ये संकेत कुछ क्रियाकलापों को कार्यशाला में न करने की चेतावनी देते हैं ; जैसे - धूम्रपान न करना , आग न जलाना , जलती आग को जल से न बुझाना , पैदल निर्दिष्ट स्थल को पार न करना आदि । ये संकेत वृत्ताकार लाल बॉर्डर रंग की एक क्रॉस - काले रंंग से संकेत बनााााया जाता हैैैै।

2. सकारात्मक ( Mandatory ) इस प्रकार के संकेतों के द्वारा कार्यशालाओं में अपनाए जाने वाले सुरक्षा साधनों के प्रति आग्रह किया जाता है ; जैसे - दस्ताने , टोप , चश्मा , जूते , मास्क , सुरक्षा पेटी आदि पहनने का आग्रह करना । ये संकेत नीले रंग के वृत्ताकार धरातल पर श्वेत रंग से बनाए जाते हैं । 

3. सचेतक ( Warning ) इस प्रकार के संकेतों के द्वारा कार्यशाला कारीगरों एवं आगन्तुकों को खतरों के प्रति सचेत किया जाता है ; जैसे — current sort lagane  का , आग का , विस्फोटक का , सिरोपरि भार का , lipt track -  का , लेजर बीम आदि का खतरा । Warning त्रिभुजाकार pile रंग के धरातल पर bleck रंग के  border युक्त एवं काले रंग से बनाए जाते हैं ।

 4. सूचनात्मक ( Informative ) इस प्रकार के संकेतों के द्वारा कार्यशाला कारीगरों एवं आगन्तुकों को सूचना उपलब्ध कराई जाती है ; जैसे — प्राथमिक चिकित्सा स्थल , पेयजल , पुरुष / महिला प्रसाधन आदि । ये संकेत वर्गाकार धरातल पर सफेद रंग से बनाए जाते हैं ।।


 सुरक्षात्मक सावधानियाँ Safety Precautions विद्युतकारों को work  karte samay kin kin baton Ka dhyan rakhna chahie aur nimnalikhit Hai savdhaniya Ka anupalan Karna chahie.

1. कार्यशाला में जब चाहे तब अपना सेफ्टी शू पहन के अपना सेफ्टी पोशाक पहनकर ही जाए काम करने।

 2. sefety चिन्हों का अनुपालन करें ।

 3. प्रत्येक कार्य को ध्यानपूर्वक एवं लगनपूर्वक करें । 

4. प्रत्येक कार्य के लिए सही orginal tools  का सही method से प्रयोग करें । 

5. किसी मेन - स्विच  को तब तक ' ऑन ' न करें जब तक यह निश्चित न हो जाए कि उस स्विच से सम्बन्धित लाइन पर कोई व्यक्ति कार्य तो नहीं कर रहा है ।।

6. किसी वेतिक मशीन अथवा उपकरण का तव तक न छुएं जब तक कि यह सुनिश्चित कर लें कि उसकी बॉडी में विद्युत धारा का अनैच्छिक प्रवाह तो नहीं हो रहा है

 7. वैयुतिक मशीनों अथवा उपकरणों पर कार्य करते समय स्वयं को रबर के जूतो , रबर की चटाई , सूखी लकड़ी के फर्नीचर आदि का सहायता । से भू - सम्पर्क से पृथक रखे ।

 8. फ्यूज वायर बदलने से पूर्व मैन - स्विच को ' ऑफ ' कर लेना चाहिए । 

9. वायरिंग करते समय फेज तार को सदेव के द्वारा नियन्त्रित करना चाहिए ।

 10. सौदा पर चढ़कर कार्य करते समय , सीढ़ी पकड़ने के लिए एक सहायक अवश्य साब रखना चाहिए । 

11. किसी वैद्युतिक उपकरण का place change करने से पूर्व उसे electric - सोत से विसयोजित ( disconnect ) कर देना चाहिए ।

 12. किसी वैद्युतिक उपकरण का वियुत - सोत से विसयोजित करने के लिए उसके प्लग - टॉप को पकड़कर खीचे न कि उसकी मेन - लीड को । 

13. किसी वैद्युतिक उपकरण का प्लग - टॉप परिवर्तित करते समय मेन - लीड के फेज , न्यूट्रल तथा अर्थ तारों को प्लग - टॉप के पिनों में इस प्रकार 

 , 

 14. विना पर्याप्त कारण के किसी वैद्युतिक उपकरण अथवा मशीन के साथ छेड़ - छाड़ न करे । 

15. Electrical wiring अथवा मरम्मत कार्य करते समय  electrical machineअथवा उपकरणों के धात्विक खोल को आवश्यक रूप से ' अर्थ ' करें ।

16. पोल या टॉवर पर कार्य करते समय सुरक्षा पेटी ( safety belt ) का अवश्य प्रयोग करें ।

 17. चालू वैतिक लाइन पर कार्य करते समय इन्सुलेटिड ' औजार एवं हायों में रबर के दस्तानों ( hand gloves ) का अवश्य प्रयोग करें । सप्लाई देने योग्य है और उसके पात्विक भाग ' अर्थ है ।

18. किसी वैधुतिक उपकरण को विद्युत - सोत से संयोजित करने से पूर्व यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि यह उपकरण पूर्णत : ठीक है 

  विद्युत सम्पर्क में आए व्यक्ति को छुड़ाना Rescue ofa Person under Electric - contact यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश विद्युत के सम्पर्क में आ गया हो अर्थात् विद्युत झटके ( electric shock ) के कारण सप्लाई लाइन से चिपक गया हो तो उसे तत्परता से निम्न प्रकार छुड़ाएँ

 1.  machine/ उपकरण का मेन - switch off कर दें अथवा उसकी  - main lead  का पोलोग- top pin  निकाल दें अथवा electric line ke main switch off   ' कर दें । 

2. यदि उपरोक्त कुछ भी कर पाना कठिन हो तो स्वयं रवर की चटाई , सूखी लकड़ी की वस्तु , प्लास्टिक की मोटी वस्तु आदि पर खड़े होकर पीड़ित की खींचकर विद्युत सम्पर्क से छुड़ाएँ ।

 3. यह ध्यान रखें कि विद्युत सम्पर्क से हुदाते समय पीड़ित , झटके से भूमि पर न गिरने पाए और उसे अधिक चोट न लगने पाए । 

 Electric झटका लगने का कारण Cause of an Electric Shock जब सामान्यत : 90 VOLTAGE से अधिक VOLTAGE पर हमारे शरीर के आर - पार ELECTRIC धारा प्रवाह स्थापित हो जाता है तो हमे एक झटके का अनुभव होता है , यही विद्युत झटका कहलाता है । इसका मुख्य कारण है विद्युत धारा की तीव्र गति ( 3x10/8 ' मीटर सेकण्ड ) , जो हमारे शरीर और उसमें हो रहे रक्त प्रवाह मान 110 वोल्ट्स रखा जाता है जिससे कि किसी व्यक्ति को गम्भीर विद्युत झटका न लगे । 



 विद्युत झटके के कारण होने वाली शारीरिक क्षतियाँ Damages Caused to Human Body by an Electric Shocki विद्युत अटका लगने पर मनुष्य के शरीर को निम्नलिखित क्षतियाँ हो सकती है 

1. शरीर पर छाले पड़ सकते है ।

 2 किसी अंग का मांस जल सकता है ।

 3 , रक्त प्रवाह हो सकता है । 

4. श्वास में रुकावट पैदा हो सकती है ।

 5. व्यक्ति मूर्षित हो सकता है ।

 6. हृदय गति रुकने से व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।

 प्राथमिक उपचार First Aid किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का , डॉक्टर के आगमन से पूर्व किया जाने वाला उपचार प्राथमिक उपचार कहलाता है । इस कार्य के लिए कार्यशाला में ' फर्स्ट एड बॉक्स ' , स्ट्रेचर आदि वस्तुएँ आवश्यक रूप से उपलब्ध रहनी चाहिए । Electric झटके से पीड़ित व्यक्ति के उपचार के लिए किसी सहायक के द्वारा doctor को बुलवाएँ और doctor  केे आने से पूर्व निम्न प्राथमिक उपचार प्रारम्भ करें

 1. पीड़ित के चारों से सुधा हवा आना चाहिए भीड़ भाड़ नहीं रहना चाहिए सब को साइट से हटा देना चाहिए।

 2.  । Pidit ke munh se a nakali dant Pan tambaku Aarti nikaalte Hain jisse Ki use Subhash Lene me problem Na ho

 3. पीड़ित के छालों अथवा जले अगों स्वच्छ कपड़े अथवा कागज से ढक दें जिससे कि उन पर मक्खी , मच्छर आदि न बैठे और पीड़ित के शरीर में अन्य बीमारियां न फैला सके ।

 4. पीड़ित यदि room में हो तो door - दरवाजे आदि open दें जिससे कि स्वच्छ वायु का निर्बाध आवागमन हो सके ।

 5. पीड़ित को ( सर्दी के मौसम में ) सर्दी से बचाएँ और उसे पलंग , दरी , चटाई आदि पर लिटाकर कम्बल ओढ़ा दें परन्तु उसका मुंह उपड़ा रखें ।

 6. पीड़ित को यदि श्वास लेने में बहुत कठिनाई हो रहे हो तो कृतिम स्वास्थ्य की प्रक्रिया शुरू करें।

 . टिप्पणी पीड़ित को पलंग , दरी आदि पर लिटाने से उसके शरीर में एका विद्युत धीरे - धीरे विसर्जित हो जाती है । 

 नमस्कार दोस्तों इस सुरक्षा एवं सेफ्टी के बारे में आप लोग तो पढ़ लिए होंगे कैसा लगा हो आप लोग कमेंट में जरूर बताएं। दोस्तों इसका next पेज जरूर पढ़ें।



Read also what is the difference between hiv and aids.

 Read also    Facebook account verify kaise kare?  

  Read also      what is papita? What are the benefits of eating papaya?





No comments:
Write comment