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What is aids | what is the difference between hiv and aids ( hiv full from)

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 नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने जा रहे हैं एचआईवी एंड ऐड्स के बारे में कैसे फैलता है और कैसे बचना चाहिए इसके बारे में अब जरूर पढ़िए अंत तक।


What is aids  | what  is the difference between hiv and aids ( hiv full from)


HIV  KA FULL FROM      (human immunodeficiency virus)

एचआईवी वायरस क्या है


HIV  एक ऐसा वायरस है मनुष्य का शरीर कमजोर कर देता है एचआईवी का फुल फॉर्म ह्यूमन इमुनोडेफिशियेन्सी वायरस (Human Immunodeficiency virus) होता है।

एचआईवी शरीर में मौजूद cd4 कोशिकाओं को नष्ट करने का कार्य करता है cd4 कोशिकाओं को से लिया उसी का भी कहा जाता है एक प्रकार का प्रतीक्षा कोशिकाओं होती है जो शरीर के अंदर में एचआईवी पूरा नष्ट कर देता है उसके बाद मनुष्य पूरा कमजोर हो जाता है।

कुछ समय बीतने के बाद एचआईवी वायरस जैसे-जैसे आगे बढ़ता है cat4 या प्रतीक्षा कोशिकाओं को नष्ट करता जाता है वैसे वर्सेस शरीर कई बीमारियों की चपेट में आना शुरू हो जाता है और आदमी बीमार पड़ते जाता है एचआईवी के एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होने का कुछ लक्षण है वह निम्नलिखित हैहै

1.) खून के द्वारा

यदि किसी HIV पीड़ित व्यक्ति का रक्त किसी normal  व्यक्ति को डोनेट donet ( किसी दूसरे को खून अपना चढ़ाया जाता है) किया जाता है या चढ़ाया जाता है तो ऐसे में normal व्यक्ति के शरीर में आसानी से HIV वायरस प्रवेश कर जाता है।

2.) सीमेन या वीर्य के द्वारा

 ऐसे में HIV का संक्रमण हो सकता है। किसी व्यक्ति एचआईवी से पीड़ित है अगर उस का दिया हुआ सीमेंट से अगर किसी दूसरे व्यक्ति को भी उसी से सीमेंट से दिया जाता है तो एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है


3.) स्तनपान के द्वारा

अगर HIV महिला है अगर वह अपने बच्चे को दूध पिलाते हैं तो उसके बच्चे को भी HIV  होने का खतरा बढ़ जाता है.

4.) योनि या वेजाइनल तरल के द्वारा

महिलाओं की योनि में एक चिपचिपा तरल पदार्थ पाया जाता है। यदि महिला HIV पीड़ित है तो इस तरल पदार्थ में HIV वायरस मौजूद होता है। अगर ऐसे महिला किसी नॉर्मल पुरुष के साथ संबंध बनाते हैं तो एचआईवी होने का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में यदि महिला किसी पुरुष के साथ संबंध बनाती है तो उस पुरुष को भी एचआईवी होने का ख़तरा बढ़ जाता है।


5.) असुरक्षित यौन संबंधों के द्वारा


पुरुष हो या महिला दोनों में से किसी एक को HIV  है और दो कोई भी किसी से योन संबंध बना रहे हैं बिना कंडोम के तो दूसरे आदमी को एचआईवी फैलने का खतरा बढ़ जाता है  चूँकि HIV से पीड़ित व्यक्ति के खून, सीमेन और वेजाइनल फ्लूड में HIV वायरस मौजूद होता है। ऐसे में यदि असुरक्षित यौन संबंध गैर औरत के साथ आप करते है तो HIV संक्रमण के खतरा बढ़ जाते हैं।


एड्स क्या है?

एड्स एक ऐसा बीमारी है जिस व्यक्ति के शरीर का प्रतीक्षा अंतर कमजोर हो जाता है एचआईवी पीड़ित व्यक्ति के शरीर में cd4 सेल्स या कोशिकाएं कम होना शुरू हो जाती है इस बात का खुलासा किया गया है कि स्वस्थ वायरस के शरीर में लगभग 500 से 600 पर क्यूबिट मिलीमीटर cd4 कोशिकाओं पाई जाती है और एचआईवी पीड़ित व्यक्ति जिसके शरीर में सीटी 4 क्वेश्चन क स्तर 205 मिलीमीटर हो जाती है तो उसे ऐड से प्रीत माना जाता है और एड्स होने के कारण उसके शरीर में बहुत सारे बीमारी उत्पन्न हो जाते हैं और धीरे-धीरे शरीर को बहुत कमजोर कर दे कर देते हैं सिर में दर्द बुखार खांसी उल्टी होना यह सब बीमारी उत्पन्न होने लगते हैं।

उसके शरीर में इम्यून सिस्टम बहुत कम हो जाता है जिसके कि शरीर के बीमारियों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है और जैसे कि भैरव बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं शरीर में भी एड्स हो जाता है अर्थात उसका प्रतिरोध तंत्र कमजोर हो जाता है लेकिन यह दुर्भाग्य हो जाती है और एड्स का इलाज आज की दुनिया में अभी भी कोई दवा उत्पन्न नहीं हुआ है किसी प्रकार की कोई मेडिकल थेरेपी ना दी जाए ऐसे में व्यक्ति के जीवन का शासन मात्र 2 से 3 साल से अधिक नहीं होते एड्स का इलाज ना होने के बावजूद भी कुछ एंटीवायरस दवाइयां है उसके द्वारा एप का कुछ राहत मिलता है इस प्रकार जीवन के चांसेस को बढ़ाया जा सकता है एड्स पीड़ित व्यक्ति को शरीर में निम्न की बीमारी होने के चांसेस बढ़ जाते हैं

1 कैंसर

2 न्यूमोनिया।

3 आंतों में पाए जाने वाले एक परजीवी के कारण होने वाली समस्या।

4 वास्तविक को होने वाला एक प्रकार का पलंग इन्फेक्शन

5 मुंह और गले में होने वाला एक प्रकार का फगल इन्फेक्शन बीमारी।


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Hiv और AIDS के बीच क्या अंतर है।

एचआईवी शरीर में प्रवेश से आपको एप्स नहीं हो जाता एचआईवी प्लस होना बिना किसी लक्षण के या केवल थोड़े बहुत लक्षणों के साथ कोई सालों तक जीवन यापन कर सकते हैं साथ में जीने वाले लोग अगर आपस के अनुरूप दवाई ले समय समय पर दवाई ले तो फिर कोई दिक्कत नहीं है एड्स होने की संभावना बहुत कम हो जाती है किंतु बिना इलाज के एचआईवी अतः cd4 कोशिकाओं की संख्या बहुत कम कर देता है कि शरीर के अंदर ताकत बहुत कम कम हो जाती है इन लोगों का अवसरवादी संक्रमण होने की गहराई संभावना होती है।


एचआईवी के लिए प्रभावित उपचार उपलब्ध होने से एड्स की परिभाषा स्थापित की गई थी परिभाषा संकेत देती है कि व्हाट्सएप पर दृष्टि व्यक्ति बीमारियां मृत्यु के उच्च जोखिम श्रेणी में शामिल है देशों में जहां एचआईवी उपचार आसानी से उपलब्ध है एप्स का अब उतना ठीक होने का दवा भी उपलब्ध नहीं हुआ है लोग अभी फिलहाल cd4 संख्या होते हुए भी स्वस्थ कर सकते हैं और संपूर्ण अगर किसी व्यक्ति को एड्स होने की पुष्टि हुई हो तो समान स्तर तक वापस आ सकती है ऐसा होने पर वह ऐप्स ग्रसित कहे जा सकते हैं किंतु उसकी cd4 संख्या समान हो जाती है।


एक्स बीमारी लोग एचआईवी दवाओं की मदद से आप अपनी प्रणाली कब पुन निर्माण कर सकते हैं एक लंबा स्वस्थ जीवन जी सकते हैं अगर समय के अनुसार अपेड्स होने के बाद भी आपकी cd4 की संख्या 200 से ऊपर अगर रहता है तो अवसरवादी संख्या वह कम सफलतापूर्वक इलाज हो जाता है आप एड्स के मरीज का लाएंगे यह जरूरी नहीं है कि आप बीमार ही हो भविष्य में बीमार हो सकते हैं जब आपका शरीर में cd4 कम हो जाए तब और ऐसा अगर एड्स होने के बाद आज नहीं कल आपका cd4 कम हो नहीं होना है पूरा शरीर को कमजोर कर देती है और अलग से जो भी आपका बीमारी है एक से एक बीमारी आपके शरीर में प्रवेश करेगा।



मैं कैसे पता करूं मुझे एचआईवी है।

कोई भी आदमी अगर किसी को ऐसे भी हो जाए तो उसी को कर पूछिए गा तो कभी नहीं बताएगा कि मुझे कैसे हुआ है बीमारी को गलत समझने लगते हैं कि नहीं आप यौन संबंध से हुवा है  किससे हुआ है ऐसा कुछ नहीं है कोई बताएगा संपर्क में आने के 2  4 हफ्ते  या महीने भर के भीतर दिखाई दे सकते हैं या लक्षण इस प्रकार के होते हैं और नीचे देखें।

बुखार

गले में खांसी

रात में अधिक पसीना आना

सर में दर्द 

अधिक थकावट।

ग्रंथियों में सूजन

अधिक चमकाना



यह सब आपके शरीर में कोई लक्षण है तो अक्सर आदमी सोचते हैं कि मौसम का प्रभाव है ऐसा कुछ नहीं है अगर वैसा है अगर मौसम हल्का-फुल्का अब दवा लिए हैं अगर अच्छा हो गए तो ठीक है नहीं हुए हैं तो यह सब लक्षण के गायब होने के बाद भी एचआईवी से प्रभावित व्यक्ति किसी भी लक्षण के बिना वर्षों तक जी सकते हैं इस से अच्छा है कि ऐसा लक्षण आए तो एक बार एचआईवी की जांच करवाना चाहि


मानव के शरीर पर तिल सपना लिए एचआईवी की चिन्हित कर उनका विनाश करने की एक एंटीबॉडी नामक प्रोटीन बनाता है एंटीबॉडी बनाने में शरीर के एक ऐसे 3 महीने या कभी-कभी 8 महीने तक का समय लगता है एचआईवी से प्रभावित होने और एंटीबॉडी उत्पाद के बीच के तीन से 8 महीने की अवधि को कहा जाता है इसलिए बॉडी एंटीबॉडी का पता लगने वाली जांच एचआईवी के संपर्क में आने के 1 से 3 महीने बाद ही विश्वास जानी जानी जाती हैं यह भी है या नहीं।


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