2022 mai ramnavami kab hai
दोस्तों आज हम जानेंगे कि 2022 में रामनवमी कब है और रामनवमी 2022 स्टार्ट कब से है उनकी दिनांक तिथि क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त संपूर्ण विधि के बारे में पूरी विस्तार से जानेंगे।
2022 में रामनवमी कब है | 2022 Me Ramnavmi Kab hai
रामनवमी का मुहूर्त।
रामनवमी मुहूर्त 11:06:35am से 13:39:01 तक।
अवधि,। 2 घंटे 32 मिनट।
रामनवमी माध्यम समय। 12:22:48 .
2022 में रामनवमी कब है रामनवमी 2022 की तारीख एवं मुहूर्त मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में रामनवमी मनाई जाती है जो कि भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे प्रत्येक साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास की नवमी तिथि को श्री राम नवमी के रूप में मनाया जाता है चित्र मांस की प्रतिपद से लेकर नवमी तक नवरात्रि भी मनाई जाती है इन दिनों कोई लोग उपवास भी रखते हैं।।
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रामनवमी पर्व।
रामनवमी हमारे धर्म और हमारे देश का एक प्रमुख त्योहार है यह वह 3 दिन है जिस दिन इस जगत में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी ने इस धरती पर जन्म लिया था यह दिन हम सब के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है हम सब प्रभु रामचंद्र जी के जन्म दिवस को रामनवमी के रूप में संपूर्ण श्रद्धा और भक्ति पूर्वक मनाते हैं इस दिन पवित्र सरयू नदी में स्नान करने के बहुत अधिक धार्मिक महत्व है इसके अलावा इस दिन अब किसी भी पवित्र सरोवर नदी में स्नान कर सकते हैं और वह अपना चित्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यों को प्रभु श्री रामचंद्र जी के राजा दशरथ को यहां का अयोध्या में जन्म लिया था यहां भी बहुत पवित्र दिन के चित्र नवरात्रि समाप्ति होती है।
1 आज के दिन अखंड रामायण का पाठ पढ़ते हैं और रामायण की कथा सुनते हैं।
2 कई जगह भजन कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है और कई जगह नाटक भी करते हैं राम का रोल।
3 और राम भगवान का मूर्ति को फूल माला से सजाते हैं और स्थापित करते हैं और उसी को पूजा करते हैं।
4 भगवान राम की मूर्ति को पालने में झुकाते हैं और पूजा करते हैं।
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रामनवमी की पूजा कैसे करें।
1सबसे पहले स्नान करके पवित्र होकर पूजा स्थल पर पूजन सामग्री के साथ बैठे हैं
2 पूजा में तुलसी पत्ता और कमल का फूल अवैध होना चाहिए।
3 खीर और फल मूल को प्रसाद के रूप में तैयार करके रखना चाहिए।
4 उसके बाद श्री राम नवमी की shodshopchar करें।
5 पूजा के बाद घर की सबसे छोटी महिला सभी लोग के माथे पर तिलक लगाएं और उसके बाद पूजा के बाद घर के सभी को प्रसाद बांटे हैं।
राम नवमी क्यो मनाए जाते हैं ?
चैत्र नवरात्रि के नवमी तिथि राम नवमी के रूप में मनाई जाती है। पौराणीक मान्यतों के मुताबिक के अनुसार राम नंवमी के दिन ही प्रभु श्री राम ने राजा दसरथ के घर जन्म लिया था। भगवान राम को भगवान विष्णु का अंश माना जाता है।
यही मुख्य कारण है। कि चैत्र नवरात्रि के नंवमी तिथि को राम नवमी भी कहा जाता है। बुराई ओर अच्छाई की प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के इस जन्म दिवस पर दुनिया भर के सभी राम भक्त बड़े ही हर्सोल्लास के साथ मानते है।
राम नवमी के विशेष माना गया है। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। भगवान राम जीवन को कुछ आदर्श के साथ जीने की प्रेणा देते है। चैत्र शुक्ल नवमी के दिन कौशल्या माता ने राम केकई ने भरक्त ओर सुमित्रा ने लक्ष्मण ओर सत्रुधन धन को जन्म दिया ।
राजा दसरथ को अब उनके पुत्र अधिकारी मिल चुके थे । तब से ये तिथि राम नंवमी के रूप में मनाई जाती है। आप सभी देशवासियों को राम नवमी पर एक बार फिर बधाई देते हैं।
राम नवमी पर निबंध इन हिंदी ?
राम नवमी एक बहुत ही धार्मिक और पारंपरिक हिन्दू त्योहार है।
इस त्योहार को पूरे भारत मे बहुत ही हर्ष ओर उलाश के साथ मनाया जाता है।
रामनवमीं का पर्व अयोध्या के राजा दशरथ ओर रानी कौशल्या का पुत्र श्री राम के जन्म की खुसी में मनाया जाता है।
श्री राम को भगवान विष्णु जी के 10 अवतरो में से 7 वा अवतार माना जाता है।
हिन्दू कैलन्डर के अनुसार प्रति वर्ष राम नंवमी का दिन चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के 8 वे दिन को माना जाता है।
इसलिए एस दिन को चैत्र माह शुक्ल पक्ष नवमी भी कहा जाता है।
लोग राम नंवमी के दिन अपने घरों में भगवान श्री राम की मूर्ति बनाते है।
और उसके सामने बैठकर अपने परिवार और जीवन की शुख शांति की कामना करते है।
इन दिनों राम मंदिर को बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया जाता है।
राम नवमी के त्योहार 9 दिन तक मनाया जाता है।
इन 9 दिनों में राम नवमी मनाने वाले सभी हिन्दू भक्त राम चरित मानस का अखंड पाठ करते है। और साथ ही मंदिरों और घरों में धार्मिक भजन कीर्तन ओर भक्ति गीतों के साथ पूजा आरती की जाती है।
ज्यादातर भक्त राम नवमी के 9 दिनों के प्रथम ओर अंतिम दिन पूरा वर्त रखते है।
राम नवमी 2022 में कब है
दोस्तो 2022 में रामनवमी कब है। जानिए दिन वा तारिक पूजा का शुभ मुहूर्त कब है। और पूजा विधि क्या है। चलिए जानते हैं।
दोस्तो राम नवमी हिंदुओं का त्योहार है। आज की दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था । इसी लक्ष्मी पूरे भारत वर्ष भर में श्रद्धा के साथ राम नवमी के रूप में मनयी जाती है। मान्यता है। कि हर वर्ष हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माश की नवमी तिथि को श्री राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। और चैत्र माह के प्रति तिथि से लेकर नवमी तिथि तक नवरात्रि भी मनाई जाती है।
आज के दिन बहुत सी लोग उपवास भी रखते हैं। और रामायण का पाठ भी करते है। राम रछा स्रोत भी पढ़ते हैं। बहुत सी जगहों पर भजन कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है। और भगवान राम की मूर्ति को फूल माला से सजाते हैं। और मूर्ति की अस्थापना करते हैं। और भगवान राम के मूर्ति को पालनी में झुकाते है। ओर इनकी पूजा करते है। अब पूजा विधि को भी जान लेते है।
राम नवमी पूजा विधि क्या है ?
दोस्तो सबसे पहले अस्नान करके पूजा अस्थल पर पूजन्य सामग्री के साथ बैठ जाये । और पूजा में तुलसी पत्ता ओर कमल का फूल अवस्य होना चाहिए । उसके बाद से श्री राम नवमी की पूजा शुरू करे । और इसकी प्रसाद के रूप में खीर ओर फल फूल तैयार करे । फिर पूजा करने की बाद सबसे छोटी महिला सभी लोगो के माथे पे तिलक लगाएं । फिर पूजा को संपन्न करे ।
2022 में पूजा मुहरूत कब है ?
दोस्तो 2022 में राम नंवमी का त्योहार 10 अप्रैल दिन रविवार के दिन मनाया जाएगा । राम नवमी पूजा करने का सुभिधाएँ मुहरूत है। दोपहर 11:28 To PM 01:58 रहेगा । आणि पूजा करने का कुल समय होगा । 2 घंटा 29 मिंट ओर राम नवमी माध्यम पूजा का समय होगा । 12:22 मिंट तक ।
नवरात्रि पूजा क्यो मनाई जाती है ?
दोस्तो जब भी बात नवरात्रि की आती है। तो हमारा दिमाग पूजा पाठ देवी माँ की अर्चना आरती तक ही सीमित रह जाता है। लेकिन क्या आप जानते है। कि नवरात्रों का त्योहार क्यो मनाया जाता है। इसकी मान्यता क्या है। आये जानते है।
दोस्तो सदियों से हम नवरात्रि का त्योहार मानते रहते है। व्रत रखते आ रहे है। देश के अलग - अलग हिस्सों में अलग - अलग तरीको से इस त्योहार को मनाया जाता है। कही कुछ लोग पूरी पूजा आरती करके नवरात्रों के त्योहार को मानते है। तो वही कुछ लोग वर्त ओर उपवास रखकर माँ दुर्गा ओर उसके 9 रूप की पूजा करते है। लेकिन इस नवरात्रि के पीछे असल कहानी क्या है ।
नवरात्रि क्यो मनाई जाती है ?
दोस्तो नवरात्रि से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। महिसासुर नाम के एक बड़ा ही शक्तिशाली राक्षस था । वो अमर होना चाहता था । इसलिए उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या की ब्रह्मा जी उसके तपस्या से खुश हुए । और उनसे दर्शन दे कर कहा कि जो भी वह वरदान चाहता है।।
मांग सकता है। महिसासुर से ने अपने लिए अमर होने का वरदान मांगा । महिसासुर की ऐसे बात सुनकर ब्रह्मा जी बोले । कि जो भी इस संसार मे पैदा हुआ है। उसके मौत निश्चित है। इसलिए जीवन और मृत्यु को छोड़ कर तुम जो चाहो मांग सकते है।
दोस्तो ऐसा सुनकर महिससुरा ने कहाँ की ठीक है। फिर मुझे ऐसा वरदान दीजिए । कि मेरे मृत्यु ना तो किसी देवता ना ही किसी असुर के हाथों हो। और ना ही किसी मानव के हाथों अगर हो तो किसी इस्त्री के हाथों ।
दोस्तो महिसासुर के ऐसे बात को सुनकर ब्रह्मा जी ने तथा अस्तु कहा और चले गए । इसके बाद तो महिसासुर राक्षस का राजा बन गया । उसने देवताओं पर आक्रमण करने शुरू कर दिया । इससे देवता घबराकर सभी एक जुट हो गए । और भगवान शिवजी , बिष्णु भगवान के पास चले गए ।
लेकिन महिसासुर को ब्राम्हणा जी का वरदान मिला हुआ था । कि उसके हार या उसकी मृत्यू किसी देवता या मनुष्य के हाथों से मृत्यु नही हो सकता है। इसलिए भगवान शिव जी और भगवान विष्णु जी भी कुछ नही कर सके।
दोस्तो महिसासुर से रक्षा करने के लिए सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ माँ आदि शक्ति की आराधना की ओर उस सभी के ज़रिए । दिव्य रोशनी निकली जिससे एक बेहद अप्सरा रूप में माँ दुर्गा का रूप धारण किया । देवी दुर्गा को देख कर महिसासुर उन पर मोहित हो गया ।
तथा उनसे शादी करने का प्रस्थाव रखा । माता दुर्गा के बार - बार मना करने पर भी महिसासुर नही माना तब माता दुर्गा ने उनके सामने एक सरत रखी । उन्होंने कहाँ की महिसासुर को उनसे लड़ाई में जितना होगा । तभी उस उससे शादी करेगी ।
महिसासुर ये बात मान लिया । ओर फिर लड़ाई शुरू हो गयी । जो कि 9 दिनों तक लड़ाई चली थी । दोस्तो 10 वे दिन देवी माता ने महिसासुर का अंत कर दिया था । और तभी आए ये नवरात्रि का पर्व 9 दिन का मनाया जाता है।
इसलिए दोस्तो नवरात्रि का पूजा मानते है। और क्या आप आपलोग भी नवरात्रि मानते है। आप हमें comment box में बताये । तो चलिए अब ये
दुर्गा पूजा पर हिंदी निबंध ?
No.1 नवरात्री 9 दिनों का त्योहार होता है।
No. 2 नवरात्री में 9 दिनों तक माँ दूर्गा के 9 अलग - अलग स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है।
No.3 यह हिंदुओं का त्योहार है।
No.4 नवरात्री के 9 वे दिन राम नवमी मनाई जाती है।
No.5 नवरात्री के आखिरी दिन कन्याओं को भोजन कराया जाता है।
No.6 नवरात्री में लोग उपवास रखते है।
No.7 नवरात्री का त्योहार असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।
No.8 बंगाल में यह त्योहार दुर्गा पूजा के नाम से जाना जाता है।
No.9 नवरात्री पर गरबा खेलने के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते है।
No.10 नवरात्रि के त्योहार का सम्पन्न दशहरे के त्योहार पर होता है।
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वर्मा न्यूज़ की ओर से राम नवमी पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं ओर बधाई देते हैं। पोस्ट के अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद ,,,,,,,,,,,
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