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सिंदूर महिलाएं क्यों लगाती है सिंदूर शादी के बाद क्यों लगाना चाहिए Why should sindoor be applied after marriage?

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 सिंदूर महिलाएं  क्यों लगाती है | सिंदूर शादी के बाद क्यों लगाना चाहिए | Why should sindoor be applied after marriage?


नमस्कार दोस्तों lovegkv ब्लॉक पर आप सभी को स्वागत है आज हम आपको बताएंगे कि हिंदू महिलाओं सिंदूर  क्यों लगाते हैं और उसको लगाने से क्या फायदा है

सिंदूर लगाने की परंपरा का प्रमाण रामायण काल में मिलता है। कहा जाता है कि माता सीता रोज श्रृंगार करते समय मांग में सिंदूर भरती थीं। ... इस तरह सिंदूर लगाने से पति की आयु बढ़ती है। माता सीता से ऐसे मधुर वचन सुन हनुमान जी का मन प्रसन्न हो गया और इसी समय से सुहागिनों में सिंदूर से मांग भरने का प्रचलन हो गया।।



किसी भी चीज का उसका अपना रंग नहीं होता।
 अगर किसी महिला ने सिंदूर लगाया है तो वह शादीशुदा है यानी आप उसके पास अपना प्रस्ताव लेकर नहीं जा सकते। समाज में है। यह चांदी का एक तरीका था कि कौन-कौन है और इसे लगाने के स्वास्थ्य से जुड़े हुए दूसरे फायदे भी हैं। इस कारण आप अपने सर पर पीला रंग नहीं लगाना चाहते। उसे देने की तरह तो लाल बेहतर है और यह हमेशा दी। कर्म भी होता है सिर्फ यही नहीं। हर जगह हर किसी के लिए सजना ऊपर समाज में यह आकांक्षा होती है। यह आकांक्षा को कहते हैं

संस्कृति विधि की आकांक्षाएं संस्कृति में थी। जब किसी महिला की शादी हो जाती है तो उन्हें दीदी कहा जाता था। मुझे सुनकर मजा आया कि कुछ एयरलाइन में भारतीय लाइफ में मेरे ख्याल से एयर इंडिया में भी ऐसा कहते हैं। जब भी घोषणा करते हैं तो भी कहते हैं वीडियो और सचिन क्या अपने सुनाएं। हिंदी में जब भी घोषणा करते हैं तो वे पुरुषों को सज्जनों कहकर पुकारते हैं। सच में जानू मैं और महिलाओं को भी क्यों कहते हैं, यह बहुत आम है हमारे परिवारों में मेरी दादी और दूसरी महिलाओं को उनके पति हमेशा देवी। हमेशा ही पहचानने के लिए उनमें
 कोई चीज लाल दिखती है, इसलिए नहीं, क्योंकि बोला, बल्कि इसलिए क्योंकि सभी प्रकार में जो शाहदरा में है वह हर चीज को अपने अंदर सो गए थे और लाल रिफ्लेक्ट कर दी है। इसलिए बोला कि मतलब यह नहीं है कि वह लाले लाल का मतलब है कि वह लाल नहीं समझे। आप कोई चीज लाल है, इसलिए नहीं, क्योंकि वह लाल है जो कुछ भी आप दे देते हैं दुनिया में भी वही आपका पूर्ण होगा। ना तो दीदी का रंग लाल है क्योंकि वह लाल देती है।  मतलब अगर आप जंगल में घूम रहे हैं तो सब हरा हरा है लेकिन कहीं थोड़ा लाल रंगों का एक लाल फूल खिला है। वह आपका ध्यान आकर्षित करता है क्योंकि  लाल सभी रंगों में सबसे चमकीला है। शायद दूसरे सभी SE सुंदर हो, अच्छे हो बढ़िया हूं, लेकिन नाक बहुत ही चमकीला है। सिंदूर आपको समझना होगा कि महत्वपूर्ण बात यह भी है। ठीक से बनाया गया है तो अगर आप देवी से सिंदूर लेते हैं। यह haldi से बना हुआ है। अगर आप कहीं और से खरीदते हैं तो वहीं केमिकल पाउडर है। अगर आप खुद को रासायनिक सहर देना चाहते हैं तो आप उसका इस्तेमाल करें। हल्दी के जबरदस्त फायदे हल्दी को इस्तेमाल करने का एक खास तरीका है। हल्दी और चूने को साथ मिलाकर इसे बनाया जाता है और यह बहुत ज्यादा फायदेमंद है और उसका रंग लाल हो जाता है और इसका इस्तेमाल समाज में दिक्कत किताबी किया जाता है। ईश्वर का एक तत्व है इस?



  हिंदू धर्म क्यों कहता है सिंदूर लगाने के लिए और सारे लोग कहते हैं। दोस्ती या अपनी मांग में बीचो-बीच सिंदूर भर्ती हैं। हमेशा उनके पति की कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होती। उनके पति के ऊपर से चलकर की विशेष कृपा बनी रहती है और ऐसा धर्म के अनुसार हमेशा करना भी चाहिए। आप शादीशुदा हैं तो आपको अपनी शादी कभी नहीं छुपानी चाहिए और सिंदूर लगाने से आपको शर्म जो सिंदूर बालों के बीच में छिपा लेते हैं उनका प्रतिनिधि समाज। साा दिखना चाहिए, चाहे कुछ भी करें करेंगे तो पति भी डरा डरा से निकालकर साइड में  साइड में खड़ेे हो जाएंगे ।

   सिंदूर mathe ke biche bich  lagana chahie ।  औरतें सिंदूर हिंदू धर्म की महिलाएं सिंदूर हर रोज लगाना चाहिए हर r9का पति जिदा हैदा हैजिंदा पतिसकातकबभरकर लगाकर वर्ष में एक बार और कभी कभी नहीं। हर रोज लगाना चाहिए। किसी और का नहीं पता लगाना चाहिए। सिंदूर को घर से कभी खत्म नहीं होने देना चाहिए। अपना सिंदूर कभी भी किसी सुहागन को जेठानी को या मां को एहसास को नहीं देना चाहते हैं। बात रामायण बाली बाली और सुग्रीव में युद्ध हो रहा था। तब श्री राम बाली को नहीं मार पाए। सुग्रीव बहुत दुखी हुआ। अभी हमने रामायण में देखा था जब युद्ध खत्म हुआ तो। 


घर में गरीबी व दरिद्रता आने की कारण क्या क्या होती है।

राम जी से नाराज होकर कहा कि राम जी आप क्या कर रहे हो, आप मुझे मैरवाना चाहते हो। आप ने बाली को क्यों नहीं मारा? सुग्रीव यह बात सुनकर राम जी ने हाथ जोड़कर प्रणाम जी ने हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। लेकिन मैं तुम दोनों भाइयों को पहचानने वाली है और कौन किसी को नहीं पहचान पाएंगे। रामजी दे यह कारण नहीं था कि पाली कोतवाली की मांग में सिंदूर भर दी थी और बहुत ही अच्छी महिला और पूरा सिंदूर भर दी थी और पूरा चेहरा पहचान जाने वाली बात पुरानी हो नहीं सकती है कि श्री राम जानते थे कि उनकी पत्नी हमेशा मांग में सिंदूर बढ़ती है।

 बालिके और औरत ने अपनी मांग में सिंदूर भर दिया, उसके पति को इतनी आसानी से मारा नहीं जा सकता। वह भी करता है। दूसरी बार जब सुग्रीव युद्ध करने के लिए गया तो बाली की पत्नी स्नान कर रही थी और उसकी शक्तियां उत्तर दुलारे कि जब दर्द होने लगे पानी डाला है। क्या पर सिंदूर नहीं था तो राम जी ने उसी टाइम पाली को धोखे से अपने दोस्त की मदद करने के लिए ही शक्ति है। सिंदूर की यह कारण है कि महिलाएं सिंदूर लगाती है, लेकिन आज की बच्चियां छोटे बच्चे शादी हुई है। जींस टॉप पहने जो मर्जी नहीं हो सकते। हमें कपड़ों पर से दूर कैसे पहने या आउट ऑफ़ फैशन है। आप भी तो कुछ नहीं पैसा और क्यों पहने समाज का फोटो को बल रखने के लिए पुरुषों को आगे बढ़ाने के लिए जानबूझकर ऐसा किया गया कि तुम आज शादीशुदा है और इस औरत को देख लो। इसको कोई और ना देखिए कितनी बीवियां देकर आ गया। आदमी को नहीं किया गया लेकिन शास्त्रों में भी यह बात है कि भाग्य औरत का भी बढ़ता है। उसका चक्र एक्टिव होता है जहां लाल लाल मिट्टी लगाने से आप ना तो खूबसूरत लगती हैं। छोटी की मांग भरने सब सुंदर लगे। मेरा चक्र एक्टिवेट हो। क्या कभी आपने सोचा और कुछ चीजें हमारे हमारे? 


कैसे पति और पत्नी एक हो जाते हैं, अर्धांगिनी है। आधा अंग है। पति का पूजन कैसे करते हैं तो आधी में तो सिंदूर पति का रहता रात में पढ़ने का भी रहता है तो कहीं ना कहीं आपके पति के भाग्य से जुड़ी होती है जो पत्नी अपने पति को शराब कर कर बुलाते हैं। नाम लेकर बुला के शास्त्र के पति का नाम लेने से उसकी उम्र कम होती है। डराने के लिए अगर हमारी जुगल जोड़ी जोड़ी है और दोस्तों की है। भाई बहन की है प्यार दो राज्यों और जानू बाबू और हनी मनी। 


अगर आपके पास बेशुमार और अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए आप मांग में सिंदूर लगा आपके व्यक्तित्व को खूबसूरत बनाता है और एक कुंवारी लड़की को देखने का नजरिया हमेशा प्रसन्न और चूड़ी पहने बिंदी लगाए। बा घरे गले में मंगलसूत्र बेबी नजर आती है और को देने से कम कभी भी किसी भी सुहागिनों को आप करवा चौथ वाले देख लीजिए। उस सुहागिनों से कम दिखाई देने वाली बुक साधनों से उसे दुर्गा से कम। 


लड़का एक लड़की मां की परछाई होती है। आपसे दूर जरूर करें और अपनी बेटियों को सिंदूर भरने की भी आदत और का महत्व जरूर बताएं। बाली और सुग्रीव की कहानी बताएं। हमारे संस्कार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नहीं है। हमारा मतलब लड़कियों को लड़कों की तरफ ताकतवर बनाना है। हमारी एक जिम्मेदारी और प्रीति को उसके घरवालों को लेकर भी चल रहा है। याद आ रही होगी जो बेटी मां के पेट खाना बनाएं। अच्छा मौका होगा बनाए पूरा नाम आपका भी ऐसा ना हो। संस्कृत भाषा और संस्कार बड़ों का लिहाज एक परिवार की बेटी दो परिवारों को एक कंधे पर रखकर चलती है। ससुराल और मायका और दोनों को बैलेंस करना जब दिया अगर बैलेंस जरा सा भी लिखा हुआ याद रखिए काम तो बेटे को ही होता है। इस घर का मान रखना है और इस ग्रुप पर लेकर जाना और याद रखें। एक व्यक्ति यहां पर आकर खड़ा हो, जबल से नीचे करूंगी ना उसको नीचे करने में मदीने जाऊंगी। लेकिन जब किसी परिवार को कि राधा है उठाना है। समस्या नहीं मिला। तकलीफों से छुटकारा नहीं मिल रही। मनचाही नौकरी टूट गया है। विश्वास से आपके बिल्कुल।

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