कलयुग के बाद क्या आएगा । कलयुग के बाद युग कैसा होगा ? | मित्रों जैसा कि हम सभी जानते हैं। हिंदू धर्म में समय कालखंड को चार भागों में बांटा गया है। सतयुग त्रेता युग द्वापर युग और कलियुग अभी हमलोग कलयुग में जी रहे है। आणि की एक ऐसा योग जिसमें मनुष्य जाति का मन असंतोष से भरा है। सभी मानसिक रूप से दुखी है और धर्म का केवल एक चौथाई आशिक ही रह गया है।
कलयुग के बाद क्या आएगा । कलयुग के बाद युग कैसा होगा ?
चारों और अहंकार आतंक और केवल लालच दिखाई देता है। लेकिन दोस्तों क्या आपने कभी यह सोचा है कि इस श्रापित युग का अंत कब होगा या फिर यह कि कलयुग के बाद का युग कैसा होगा। अगर आप यह नहीं जानते तो आइए हम आपको आज की इस पोस्ट के माध्यम से बताते हैं।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार युगों के परिवर्तन का यह 22 वा चरण चल रहा है। भगवत गीता में भी इस बात का वर्णन किया गया है। गीता के अनुसार परिवर्तन ही सृष्टि का नियम है। जैसे आत्मा एक शरीर को छोड़कर दूसरा शरीर धारण करती है।
कलयुग का बाद क्या आएगा ?
दिन के बाद रात होती है जैसे रितु भी अपने निश्चित समय के साथ परिवर्तित होती है। ठीक उसी प्रकार कलयुग के बाद सतयुग का आना भी अटल सत्य है। ग्रंथों में कलयुग से जुड़ी एक कथा का वर्णन मिलता है। जिसके अनुसार 1 दिन किसी ने भगवान विष्णु से पूछा।
प्रभु अभी यह द्वापर युग चल रहा है और कालखंड के चक्कर के अनुसार इसके बाद कलयुग आने वाला है। लेकिन मनुष्य उस युग को पहचाने का कैसे । तब विष्णु जी कहते हैं जब दुनिया में पाप बढ़ जाएगा। तब समझ लेना कि कलयुग शुरू हो चुका है।
कलयुग के अंत मर मनुष्य की आयु कितना होगा ?
कलयुग के अंत में मनुष्य की आयु केवल 12 वर्ष ही रह जाएगी। लोग धन के लालच में किसी की हत्या करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। अभी जिनके शव को स्त्रियों का आभूषण समझा जाता है। उसी को स्त्रियां कटवाना शुरू कर देंगे।
इसके बाद सभी स्त्री-पुरुष सुंदर दिखने के लिए अपने बालों को रंगना शुरू कर देंगे। उसके बाद जब हर घर में कलेक्ट्रेट होने लगेगा। पुत्र पिता को मारने लगेगा। तब विष्णु महेश एक हो जाएंगे और कलयुग का अंत कर देंगे और एक नए युग की शुरुआत होगी।
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सतयुग कैसा होगा ?
जहां फिर से धर्म का बोलबाला होगा। चारों ओर बस प्रेम ही प्रेम होगा। लोग, पूजन, कर्मकांड आदि में विश्वास करेंगे। सतयुग के मनुष्य अपने तपोबल से देवी-देवताओं से बात कर सकेंगे आत्मा का परमात्मा के मिलन से। सुखी होगी अर्थात साथियों को इस सृष्टि का स्वर्ण युग कहा जाएगा।
लेकिन मित्रों सत्युग को आने में अभी काफी लंबा समय बाकी है तो क्यों ना हम सभी कलयुग में अपने धर्म और कर्म के अनुसार सत्युग की तरह ही जीने का करते हैं।
कलयुग के 5 कड़वे सत्य ? मित्रों जैसा कि हम जानते हैं कि अभी यह कालखंड का चौथा युग आणि कलयुग चल रहा है। जिसे हिंदू धर्म शास्त्रों में सबसे श्रमपित युग बताया गया है। दोस्तो हम आपको कलयुग के 5 ऐसे रहस्य बतायेंगे। जिससे आज का मनुष्य बहुत कुछ सिख सकता है। बात उस समय की है जब पांडवों को वनवास हो गया था।
वनवास जाने से पहले पांडव ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा था। है श्री कृष्ण अभी यह द्वापर का अंत काल चल रहा है। आप हमें बताएं कि आने वाले कलयुग की चाल या गति कैसी होगी। श्री कृष्ण कहते हैं। मैं तुम्हें इसका सीधा सा उत्तर तो नहीं दे सकता। लेकिन तुम पांचों भाई वन में जाओ और जो कुछ भी दिखे मैं आकर मुझे बताना। मैं तुम्हें उसका कलयुग का प्रभाव बताऊंगा। उसके बाद पांचों भाई वन में चले गए ।
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महाभारत में श्री कृष्ण अर्जुन को कलयुग के बारे में क्या कहते है ?
सबसे पहले युधिष्ठिर ने उत्तर दिया। है वाशुदेव मैंने तो पहली बार 2 सूंड वाला हाथही देखा। यह मेरे लिए तो बहुत आश्चर्यजनक था। इसके जवाब में श्री कृष्ण कहते हैं कि कलयुग में ऐसे लोगों का ही राज होगा जो दोनों ओर से शोषण करेंगे। बोलेंगे कुछ और करेंगे कुछ और ही मन में कुछ और होगा और कर्म कुछ और ही होगा। ऐसे ही लोगों का कलयुग में राज होगा। तुम कलयुग आने से पहले तक राज कर लो।
युधिस्टर के बाद अर्जुन ने कहा कि मैंने जो देखा वह तो इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक था। मैंने देखा की एक पक्षी के पंखों पर वेद लिखे हुए लेकिन वे पक्षी मुर्दे का मांस खा रहा था। श्री कृष्ण अर्जुन को उत्तर देते हुए कहते हैं। कलयुग में ऐसे ही लोग रहेंगे।
जो बड़े ज्ञानी और ध्यान ही कहलाएंगे। वह ज्ञान की चर्चा तो करेंगे लेकिन उनका आचरण राक्षसी होगा। वह बड़े पंडित और विद्वान कहलाएंगे । किंतु वह यह देखते रहेंगे कि कौन सा मनुष्य कब मेरे और हमारे नाम से संपत्ति कर जाए।
अर्जुन के सवाल के जवाब के बाद भीम अपना अनुभव सुनाते हुए कहते हैं कि एक गाय अपने बछड़े को इतना चाहती है कि वह बछड़ा खून से लहूलुहान हो जाता है। तब श्रीकृष्ण कहते हैं कि कलयुग का मनुष्य शिशुपाल हो जाएगा। कलयुग में मां की अपने बच्चे के लिए ममता इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी कि उन्हें अपने विकास का अवसर ही नहीं मिलेगा। मोह माया में ही घर बर्बाद हो जाएंगे ।
भीम के बाद सहदेव ने पूछा है श्री कृष्ण मैंने देखा कि 5, 7 बड़े कुएं के बीच एक गहरा कुआं बिल्कुल खाली है। जबकि ऐसा संभव नहीं हो सकता। फिर श्री कृष्ण उत्तर देते हैं। कलयुग में लोग लड़के लड़की के विवाह में मकान के उत्सवों में छोटे-बड़े उत्सवों में लाखों रुपए खर्च कर देंगे। परंतु पड़ोस में यदि कोई भूखा प्यासा मर रहा होगा तो यह नहीं देखेंगे कि उसका पेट भरा है या नहीं भरा है।
उनका अपना ही सदा भूख से मर जाएगा और वह देखते रह जाएंगे। कहने का तात्पर्य है यह है कि कलयुग में अन्य भंडार तो होंगे । परंतु लोग भूख से मर जाएंगे।
सहदेव के बाद नकुल ने श्री कृष्ण से कहा की है श्री कृष्ण मैंने देखा कि एक बड़ी सी चट्टान पहाड़ से गिरती है और बड़े से बड़ा वृक्ष भी उसे रोकने में सक्षम नहीं हो पाता परंतु एक छोटे से पौधे से टकराकर वह रुक जाती है। आखिर ऐसे कैसे हुआ तब श्रीकृष्ण कहते हैं कि कलयुग में मनुष्य की बुद्धि श्रीन हो जाएगी और उसका जीवन पतन हो जाएगा।
कलयुग में मनुष्य का कल्याण कैसे होगा ?
उस पतन को धन और बड़ी से बड़ी सतरा रूपी वृक्ष भी रोकने में सक्षम नहीं होंगे। किंतु हरि नाम का छोटा सा शब्द बोलने से मनुष्य जीवन का पतन रुक जाएगा। अतः कलयुग में हरी नाम मुक्ता एकमात्र मार्ग होगा।
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आशा करता हूं कि ये जानकरी आपको कड़ी अच्छा लगा होगा । तो हमारे पोस्ट के अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद
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