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मेरे भाई की दुल्हन(PART1 ) Mere Bhai Ki dulhan. My brother's bride.

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  मेरे भाई की दुल्हन(PART 1) Mere Bhai Ki dulhan. My brother's bride.

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मेरे भाई की दुल्हन। Mere Bhai Ki dulhan. My brother's bride. 

हेलो दोस्तों lovegkv.comब्राउज़र में आपका स्वागत है इस पोस्ट में हम बताने जा रहा हूं एक मेरे भाई की दुल्हन की   कहानी तो बहुत अच्छा है 


हाइवे पर एक वाइट कलर की कार दौड़ रही है । रात का वक़्त था इसलिए ट्रक और कुछ इक्का - दुक्का गाड़ियाँ ही सड़क पर आ - जा रही थी । उस कार की फ्रंट सीट पे एक औरत बैठी हुई है , जिसकी उम्र 30-35 के लगभग है । उसकी बगल वाली सीट पे एक 11-12 साल का लड़का बैठा हुआ था । वो दोनों बहुत ही खुश लग रहे थे । औरत मुस्कराते हुए ड्राइव कर रही थी । और पास में बैठा लड़का मुस्कराते हुए अपनी गोद में रखें एक गिफ्ट पैक को खोलने में लगा हुआ था । जैसे ही उसने वो गिफ्ट पैक खोला उसका मुस्कराता हुआ चेहरा चिढ़ और निराशा में बदल गया । और वो गुस्से से उस औरत की ओर देखने लगा । " मॉम यह क्या है ?? इस माउथऑर्गन का मैं क्या करूँगा ?? मुझे तो इसे बजाने भी नहीं आता । मुझे तो लगा आप मुझे बहुत अच्छी गिफ्ट देंगी लेकिन आपने तो यह डब्बा पकड़ा दिया । मुझे नही चाहिए यह । मैंने आपकी हर बात मानी , चुपचाप रहा , कोई मस्ती नही की और बदले में आपने एक अच्छा सा गिफ्ट देना का वादा किया था । यह था आपका गिफ्ट ?? देन मॉम आई डोंट लाइक इट । " उस लड़के ने नाराजगी भरे लहजे में उस औरत से कहा । उसकी बातें सुन वो औरत मुस्कराने लगी और कहा “ अथर्व आज आपने मेरी बात मानी । कोई शैतानी नही की इसलिए आज मैं बहुत खुश हूँ । और यह कोई डब्बा नही है मेरा प्यार है आपके लिए । ध्यान से देखो इस माउथऑर्गन को इसमें मैंने क्या लिखवाया है । अथर्व उनकी बातें सुन उस माउथऑर्गन को थोड़े ध्यान से देखने लगा तो पाया कि उसपे कुछ लिखा हुआ था । अथर्व ने जोर से पढ़ा " mamma's boy " | " हाँ mamma's boy और वो कौन है , मेरा अधर्व । इतना कह उस निरत ने अधर्व के गाल खिंच लिए । अथर्व अपना गाल सहलाता हुआ कहने लगा “ बट मॉम मुझे माउथऑर्गन बजाने तो आता ही नहीं । तो फिर इसका मतलब मुझे आपका प्यार मिलेगा ही नही । और फिर आपका सारा प्यार आपके बिटू को मिल जाएगा । यह कहकर अधर्व ने गुस्से में अपना मुंह फूला लिऐ।


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औरत सीरियस होकर बोली में हूँ न मैं सिखाऊंगी आपको माउथऑर्गन बजाना । और आप ऐसा क्यों कह रहे हो कि आपको मेरा प्यार नहीं मिलता । मैं अपने दोनों बेटो से बराबर प्यार करती हूँ । आप तो उसके बिग ब्रदर हो न आपको उससे प्यार करना चाहिए न कि उससे जेलस होना चाहिए । " " नही आप सिर्फ मेरी मॉम हो । मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगता कि आप उसे , मुझसे ज्यादा प्यार करो । " अथर्व ने उस औरत को हग करते हुए कहा । " अथर्व , यही जिद्द मुझे आपकी अच्छी नहीं लगती । और यह किस तरह का बेहवीयर है ?? बिटू छोटा है और उसे प्यार की अभी सबसे ज्यादा जरूरत है । क्यों नही समझते हो आप ?? " " मुझे कुछ नही समझना आप सिर्फ मेरी मॉम हो , सिर्फ मेरी । " इतना कहते हुए अथर्व जबर्दस्ती उनकी गोद में बैठने की कोशिश करने लगा । औरत उसे ऐसा करने से रोकने लगी । अथर्व के अचानक से बैठने पर उस औरत का बैलेंस स्टेयरिंग पर डगमगाने लगा । हाईवे पर वो कार इधर - उधर होने लगी । वो औरत कोशिश करती रही अथर्व को खुद से दूर करने की पर उसने उन्हें बहुत कस कर पकड़ रखा था।अथर्व इस तरह बैठा था कि सामने आ रही गाड़ियां उस औरत को दिखाई नहीं दे रही थी । कभी - कभी तो उनकी कार किसी और गाड़ी से टकराने से बच गयी । " अथर्व , हटो सामने से । " वो औरत अथर्व को हटाते हुए बोली । जब अथर्व को उन्होंने अपने सामने से हटाया तो देखा उनकी कार डिवाइडर पर चढ़ने वाली थी । कार स्पीड में होने की वजह से जब उन्होंने ब्रेक लगाया तो बहुत जोर की आवाज़ आयी और कार डिवाइडर पर चढ़ने से पहले ही रुक गयी । पर इतनी जोर से ब्रेक लगाने पर उस औरत का सिर स्टेयरिंग पर जाकर लगा । और उन्हें हल्की सी चोट आ गयी । अथर्व को उन्होंने अपनी बाहों में छुपा लिया था ताकि उसे कुछ न हो । अथर्व बहुत डर गया था । अपने हाथ में उसने अपना माउथऑर्गन कस कर पकड़ रखा था । 

इस तरह अचानक से कार के ब्रेक लगने पर पीछे से आ रहे एक ट्रक का भी बैलेंस बिगड़ा और उसने कार को टक्कर मार दी । और टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार डिवाइडर पर चढ़कर दूसरी लेन पर आ गयी । अचानक से लगे इस धक्के पर वो औरत और अथर्व घबरा गए । कार दूसरी लेन पे थी जहाँ कही सारी गाड़ियां थी । एक राँग साइड से कार आने पर उस लेन की गाड़ियां का भी बैलेंस बिगड़ने लगा । औरत ने कार स्टार्ट करने की कोशिश की पर नाकामयाब रही इसलिए जल्दी से उन्होंने अथर्व का सीट बेल्ट खोला और उसे लेकर बाहर निकलने लगी । जैसे ही वो बाहर निकलने लगी उन्होंने देखा कि एक और ट्रक उनके सामने से चला आ रहा था जो बहुत ही स्पीड में था और उनके बहुत करीब आ गया था । उस औरत ने अथर्व को डिवाइडर की ओर जाने को कहा । अथर्व जल्दी से कार से निकल डिवाइडर पे चढ़ गया । जैसे ही अथर्व कार से बाहर निकला उसे एक जोरदार टक्कर की आवाज़ आयी । उसने घबराते हुए पीछे देखा तो जिस कार में वो बैठा था वो कार आसमान में कई फ़ीट उछलती हुई दूर जा गिरी थी । अथर्व चिल्लाते हुए " मॉम । " तभी एक लड़का " मॉम " चिल्लाते हुए उठ जाता है । वो अपने चारों ओर देखता है और अपने आपको एक रूम में पाता है । उसे समझ आ जाता है कि उसने एक सपना देखा था । तभी ठीक उसके सामने लगी वॉल क्लॉक सुबह के चार बजने का इशारा करने लगी । उसका शरीर पसीने से तरबतर हो गया था । वो हाँफने लगा था । उसकी टीशर्ट पसीने से भीग गयी थी । उसने अपना हाथ अपने चेहरे पर फेरा । और खुद को शांत करने की कोशिश करने लगा । जैसे ही उसने अपना हाथ अपने चेहरे से हटाया तो उसकी हेज़ल ( मिक्स्ड उप ऑफ ग्रीन एंड येलो ) आँखें दिखने लगी । वो उठ बैठा और पास ही रखे टेबल लैंप ऑन किया । जिससे उसका रूम थोड़ी ही सही पर एक पीली रोशनी से नहा गया । इस रोशनी में उसके फेशिअल फीचर्स दिखने लगे । वो लड़का 26-27 साल का लग रहा था , हेज़ल आँखें , गोरा रंग , क्लीन शेव , गठीला बदन , मजबूत बाँहे । उसे देखकर ऐसा लगता था कि वो घंटो जिम में बिताता होगा ।



उसने पास ही रखा ड्रावर खोला । और उसमें रखा माउथऑर्गन उठा लिया । जिसपर mamma's boy लिखा हुआ था । वो उस पर हाथ फेरने लगा । और अपनी आँखे बंद कर ली । जैसे उसे छूकर कुछ महसूस करना चाहता हो । माउथऑर्गन को लिए वो उठा । और अपने रूम की बालकनी की ओर चला आया । वहाँ जाने के लिए उसने एक स्लाइड मिरर डोर खोला और बालकनी में आ गया । जैसे ही उसने गेट खोला एक तेज़ हवा का झोका उसके चेहरे को छू कर गुज़र गया और वो मुस्कराने लगा । उसकी मुस्कराहट बहुत ही अट्रक्टिव थी । जो उसकी पर्सनालिटी को और बेहतर बना रही थी । जिस बालकनी में वो आया था वो बहुत ही खूबसूरत थी । बालकनी के एक तरफ जहाँ बहुत ही खूबसूरत प्लांट्स की कतारें लगी हुई थी तो वही दूसरी ओर एक मेट बिछी हुई थी । जिसपर डम्बल्स रखे हुए थे । बालकनी बहुत अच्छे से सजाई गई थी । वो लड़का रेलिंग के पास आया । उसने अपनी आंखें बंद की , माउथऑर्गन को अपने होठों से लगाया और बजाने लगा । वो बहुत ही अच्छी धुन बजा रहा था । सुबह के चार बजे रहे थे तो पक्षियों की चहचाहट भी सुनाई दे रही थी । ऐसा लग रहा था कि वो सब भी उस लड़के के संगीत में अपना योगदान दे रहे हो । कुछ देर तक बजाने के बाद वो रुक गया । और उस माउध ऑर्गन को छूकर कहने लगा " मॉम मैंने अच्छा तो बजाया न । आई नो आप जितना अच्छा नही बजा सकता पर कोशिश की है । आप तो थी नहीं सिखाने के लिए तो जैसा आया वेसे बजाना सीख लिया । " इतना कह उसकी आँखें नम होने लगी और गला भर आया । आपका दिया पहला और आखिरी गिफ्ट मैंने संभाल कर रखा है मॉम । मेरी ज़िद्द और नादानी ने मुझे आपसे दूर कर दिया । यह सपना रोज़ मुझे यह एहसास दिलाता है कि मैंने ही आपकी जान .... इतना कह उसने बहुत कस कर अपने हाथ की मुट्ठी बांध ली । और फिर से उस माउथऑर्गन को छूकर कहने लगा " आप हमेशा से कहती थी -अथर्व इतना ज़िद्दी होना अच्छा नही । कई आपको आगे चलकर पछताना न पड़े । " सही कहा था आपने मॉम , में आज बहुत पछता रहा हूँ । क्योंकि उस एक्सीडेंट में मैंने अपना सब कुछ खो दिया । आपको खो दिया । मैं आपको जीते जी कभी खुश नही रख पाया मॉम हो सके तो मुझे माफ़ कर देना । मैं अपनी मम्मा का बॉय नही बन पाया।


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नही बन पाया । आय एम सॉरी मॉम । इतना कह उसने माउथऑर्गन को अपने सीने से लगा लिया । उसकी आँख से आँसू टपकने ही वाते थे कि उसने उन्हें पोछ लिया । और फिर से माउथऑर्गन बजाने लगा । सुबह के सात बज रहे थे । अधर्व जोगिंग करता हुआ अपने घर सिंघानिया हाउस में एंट्री लेता है । जैसे ही वो अंदर आता है । उसे मंदिर के घंटियों की आवाजें सुनाई देने लगती है । वो अपने घर में बने मंदिर की ओर देखता है जो लिविंग एरिया के सामने ही था । अधर्व उस ओर देखकर मुस्करा देता है । तभी एक औरत किचन में से निकलती है । जिसने एक सिंपल सी , ब्लू साड़ी पहन रखी थी । अथर्व उसके करीब जाता है । और उसके पैर छूने लगता है । " अरे - अरे ! बाबा यह आप क्या कर रहे है ?? आप हमारे मालिक है । एक नोकर के पैर छूना आपको शोभा नहीं देता।कितनी बार तो कहे है हम आपसे । उस औरत ने अधर्व को रोकते हुए कहा । अथर्व ने उनके पैर छूकर मुस्कराते हुए कहा और मैंने भी आपसे कितनी बार कहा है कि आप हमारी नौकर नही घर की सदस्य है और मेरी शांता काकी है । तो पैर छूना तो बनता है ना और इतने सालों में आपने मेरी बात नहीं मानी तो में क्यों मानू आपकी बात ?? " शांता मुस्कराते हुए -आपसे बातों में कोई नहीं जीत सकता बाबा । " अथर्व उसे गले लगाते हुए " तो फिर आप कोशिश करती ही क्यों है ?? अच्छा में ऊपर हूँ अपने जिम सेक्शन में मेरी एनर्जी ड्रिंक भिजवा दीजियेगा । और हाँ अपने रौनक बाबा को बोलिये कि यह सुबह - सुबह घंटियाँ बजाना बंद करे । भगवान का तो पता नही आस - पास के लोग जरूर उठ जायेंगे । और फिर मुझे आकर कंप्लेंट करेंगे । इसलिए प्लीज उससे कह दीजियेगा । इतना कह वो उससे अलग होता है । और शांता हँसने लगती है । शांता हैंसते हुए बाबा वो नहीं मानने वाले । जब तक उनकी पूजा खत्म नहीं होगी वो वहाँ से नही उठेगे । बहुत प्यार जो करते है।

करते है आपसे । अधर्व मंदिर की ओर देखकर मुस्करा देता है और अपने जिम सेक्शन की ओर बढ़ जाता है । देखते ही देखते एक घंटा बीत जाता है । तभी कोशल्या जी हाथ में पूजा की थाल लिए अपने मंदिर की ओर बढ़ती है । कौशल्या जी अधर्व की दादी है । और इस घर की सबसे बड़ी सदस्य पर थोड़ी चुतबली है । जिन्होंने क्रीम और वाइट के कॉम्बिनेशन की एक साड़ी पहन रखी है । उनके चेहरे पर संतोष के भाव थे और वो मुस्कराते हुए मंदिर की ओर बढ़ी जा रही थी । मंदिर में रामसिया और लक्ष्मण की मूर्तियां रखी हुई थी । जैसे ही उन्होंने मंदिर में कदम रखा उनका संतोष से पूरित चेहरा क्रोध की मुद्रा में बदल गया । आप जानना नही चाहेंगे कि ऐसा क्या गया कि कोशल्या जी के चेहरे के भाव ही बदल गए । दरसअल हुआ यह कि उनके सामने एक लड़का अपने एक हाथ में मंदिर की घंटी लिए और दूसरे हाथ में मंत्रो की कोई किताब लिए बैठा था । जो दिखने में 21-22 साल का लग रहा था । वो और कोई नही हमारे रौनक बाबा उर्फ बिट्टू है । उसने ब्लेक जीन्स और टीशर्ट पहन रखी है । और उसके ऊपर वाइट कलर का जैकेट डाला हुआ है । वो भी अपने भाई से कम नहीं है । काली आँखें , गोरा रंग , जेल से सेट किये हुए बाल , वेल सेट बेयर्ड कानों में मैग्नेटिक स्टड इयरिंग जो उसके तुक को डिफरेंट बना रही थी , ओवरऑल एक हैंडसम हंक । आप सब यही सोच रहे होंगे इतना मॉडर्न लड़का फिर इस तरह सुबह - सुबह उठकर पूजा कर रहा है । और वो भी ऐसी - वैसी पूजा नही जो नॉर्मल तरीके से हो । घंटो बैठे रहेंगे भगवान के सामने और जोर जोर से मंत्रो का उच्चारण कर पूरा घर सर पे उठा लेंगे । रोज़ आस - पास के लोग रौनक बाबा की कंप्लेंट लेकर सिंघानिया हाउस चले आते है । उसे देखते ही कौशल्या ने अपना सर पीट लिया । रोनक बहुत जोर - जोर से मंत्री का उच्चारण कर रहा था । और उतनी ही तेज़ घंटी भी बजा रहा था । जिससे उनका सर अब दर्द करने लगा ।

हे राम ! क्या होगा इस लड़के का । पूरा घर इसने सर पर उठा लिया है । एक यह है जो भरी जवानी में पंडित बना घूम रहा है । और एक वो है जिसे कसरत करने से फुरसत नही । और तीसरा जिसकी अभी तक सुबह ही नहीं हुई है । हे भगवान ! कभी तो यह घर , घर जैसा लगे । यहाँ कोई काम सीधे तरीके से होता ही नही है । रोज़ का हो गया है अब तो यह । हे भगवान ! इसकी इच्छा जल्दी पूरी कर दो । जिससे आपका और मेरा दोनों का भला हो जाए .... पहले तो इसकी पूजा बंद करवाऊं नही तो यह मेरे कान के साथ - साथ लोगों की नींदे उड़ा देगा । " कौशल्या रौनक के करीब जाती है । अपने हाथ में पकड़ी धाल को वो मूर्तियों के चरणों के पास रखती है । और रौनक के सामने जा खड़ी होती है । थोड़ा नीचे झुकती है और उसके हाथ से घंटी और वो किताब छीन लेती है । रौनक | जब महसूस होता है तो वो झट से अपनी आँखें खोल लेता है । “ क्या दादी माँ , मैं कितने इम्पोर्टेन्ट मंत्र का जाप कर रहा था पता है पंडित जी ने कहा था कि इस मंत्र का सौ बार जाप करने से मेरा सपना पूरा हो जाएगा । और भाई की शादी हो जाएगी । पर आपने सब खराब कर दिया । सारी मेहनत पर पानी फेर दिया । " रौनक गुस्से में उठते हुए बोला । कौशल्या भी उस अंदाज़ में बोली " मंत्रो के जाप करने से न तेरा भाई शादी नही करने वाला । शादी के लिए न एक लड़की की जरूरत है । उसे लेके आ फिर बात करना । पर तब तक के लिए न हम लोगों को बक्श दे और अपने भाई को ले आ नाश्ते पर । जा । " " पर दादी माँ , बस थोड़ा सा ही बचा है करने दो न । " वो कौशल्या के पास आकर बोला । “ नही , बिल्कुल नही । दो घंटे से पूजा कर रहा है । भगवान भी थक गए होंगे उन्हें रेस्ट करने दे । आज के लिए इतना बहुत है । जा और अथर्व को ले आ । " इतन सुन वो मुँह फुलाकर चला जाता है । “ शांता " कौशल्या वही से आवाज़ लगाकर कहती है । " जी मालकिन " शांता मंदिर में आते हुए । “ सबके लिए नाश्ता लगाओ " । शांता " जी " कहते हुए चली जाती है । कौशल्या बाहर आकर लिविंग एरिया में रखे सोफे पे बैठ जाती है और बड़बड़ाने लगती है ।


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रौनक मुंह फूलाते हुए अधर्व के जिम सेक्शन की ओर बढ़ गया । वो वहाँ आया और आते ही पुश उप कर रहे अथर्व की पीठ पर बैठ गया । " बिटू अब तू छोटा नही रहा है जो मेरी पीठ पर बैठ गया है । बच्चों जैसी हरकते करना छोड़ और उतर मेरी पीठ से । अधर्व ने कहा । रौनक उसकी पीठ से उतर जमीन पे उसके पास ही बैठ गया । उसका मुँह अभी भी फूला हुआ था । अधर्व उसे ऐसे देख मुस्कराया और फिर एक हाथ को अपनी पीठ पे मोड़ दुसरे हाथ से पुश उप करने लगा और उसकी ओर देखकर कहा " फिर से दादी माँ ने डाँटा ?? " " और नही तो क्या ?? मैं कह रहा था कि बस लास्ट मंत्र है उसका जाप कर लेने दो । पर उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी । और यहाँ भेज दिया । सच कह रहा हूँ भाई , अगर मंत्र पूरा पढ़ लेता न तो इस साल आपकी शादी होना पक्का थी । " यह सुन अथर्व जोर - जोर से हँसने लगा । और उठकर हँसते हुए पास रखे टॉवल से अपना सर पोछने लगा । रौनक उसके पास आकर क्या भाई यहाँ मेरा मूड खराब है और आप है कि मुझ पर हँस रहे है । " अथर्व उसकी ओर देखकर " तो तू ऐसी हरकतें करता ही क्यों है , जिसके लिए तुझे दादी माँ से डाँट खानी पड़े । " इतना कहते हुए वो एक चेयर पर बैठ गया और पास ही रखे डम्बल्स उठाने लगा । डम्बल्स उठाकर वो उससे अपने मसल्स बनाने लगा । अथर्व के जिम सेक्शन में जिम का हर इक्विपमेंट था । उसने घर पर ही अपना जिम खोल रखा था । वो हेल्थ कॉन्शस था । उसकी बॉडी एक जिमनास्टिक की तरह थी । सिक्स पैक एब्स , स्लिम बॉडी , स्ट्रांग मसल्स । कुल मिलाकर एक परफेक्ट बॉडी शेप जो किसी भी लड़की को घायल करने के लिए काफी है । पर हमारे अथर्व बाबा वो हमेशा अपनी बॉडी को ढंक ही कर चलते थे । और लड़कियों से कोसो दूर रहते थे । अब लड़कियाँ पास ही नही आएंगी तो लव स्टोरी कैसे बनेगी । इसलिए शादी की उम्र होने के बाद भी इनका कोई अफेयर नही है और न ही शादी करने का इनका कोई मूड है । इसलिए रौनक बाबा ने यह जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली है । क्योंकि उसे पता है कि अथर्व उसकी बात कभी नही टालता । लेकिन इस मामले में वो भी नाकामयाब रहा । और जब उसके पास कोई रास्ता नहीं बचा तो उसने भगवान का सहारा ले ।

लिया । ताकि उसका भाई शादी के लिए मान जाए । और इसलिए वो रोज़ सुबह अलग - अलग टाइप के मंत्र पढ़कर भगवान को खुश करने में लगा रहता था । और इसलिए कभी - कभी कौशल्या से डाँट भी खा लेता था । रौनक उसके सामने खड़ा होकर " हरकते ?? मेरे प्यार को आपने हरकोतो का नाम दे दिया । दिस इस नॉट फेयर भाई । अथर्व ने उसे एक नज़र देखा और हल्का सा मुस्करा दिया । रौनक सीरियस होकर " भाई , आप जानते हो मेरे लिए यह सब कितना इम्पोर्टेन्ट है । आपकी शादी कराना मेरा सपना है । और अगर इसके लिए मुझे रोज़ दादी माँ की डाँट भी खानी पड़े तो मुझे मंजूर है । " इतना कह वो वहाँ रखे एक काउच पर बैठ गया । अथर्व डम्बल्स साइड रख उसके पास आता है और हाथ बांधकर शांति से कहता है " मैंने कभी तुझे कुछ भी करने से रोका नही है बिटू । तू जो चाहे वो कर । पर इस ज़िद्द पर अड़े रहना कि मैं शादी कर लू । यह सही नही है । यह ज़िद कभी - कभी हमें , हमारे अपनों से दूर कर देती है बिटु । " रौनक , अथर्व की ओर देखने लगता है , जो सीरियस होकर जमीन की ओर देख रहा था । रौनक उठकर उसके कंधे पे हाथ रखता है , उसके हाथ रखते ही वो मुस्कराकर कहता है " इसलिए कह रहा हूँ , जब वक़्त आएगा तो तेरी यह इच्छा भी पूरी हो जाएगी । पर ज़िद मत कर इस मामले में । " रौनक हाँ में अपना सर हिलाता है और अथर्व के पीछे आकर उसकी पीठ पर चढ़ जाता है । अथर्व उसकी इस हरकत पर मुस्करा देता है । और उसके पैरों को पकड़कर अपने रूम की ओर बढ़ जाता है । जब वो दोनों कॉरिडोर में पहुँचते है तो कौशल्या उन्हें देख लेती है । और गुस्से में कहती है " बिटु तू अथर्व को बुलाने गया था या उसकी सवारी करने । नाश्ता कब का लग गया है जल्दी आओ दोनों नीचे । " यह सुनते ही रौनक अपने सर पे हल्की सी थपकी देता है और कहता है " अरे हाँ ! मैं तो भूल ही गया था कि मुझे दादी माँ ने आपको बुलाने के लिए भेजा था । " अथर्व , कौशल्या को पाँच मिनट में आने को बोल रौनक के साथ अपने रूम में आ जाता है । रूम में आते ही रौनक उसकी पीठ से उतर जाता है और कहता है " भाई , पर प्रॉब्लम क्या है आपको शादी करने से ?? "

अथर्व उसे कोई जवाब नहीं देता और कबर्ड में से अपने कपड़े निकालने लगा । भाई , कुछ पूछा है मैंने आपसे ?? रौनक उसके पास आकर बोला । अथर्व मुस्कराते हुए पीछे पलटकर कहता है " शादी से मुझे कोई प्रॉब्लम नही है बिटू पर तड़की भी तो होनी चाहिए न । जो मुझे समझ सके , इस घर को संभाल सके , तुझसे वैसा ही प्यार कर सके जैसा मैं करता हूँ । और मैं जानता हूँ यह इम्पोसिबल है । क्योंकि कोई भी लड़की यह कभी नही चाहेगी कि उसके पति की जिंदगी में उससे ज्यादा कोई और इम्पोर्टेन्ट हो । पर मेरे लिए तू , डैड , दादी माँ मेरी जिंदगी से भी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट हैं । इसलिए कह रहा था कि यह बेकार की जिद करना गलत है । अब समझा मैं क्या कहना चाहता हूँ । " उसने मुस्कराकर रौनक के गाल पर हाथ रखकर कहा । रौनक उसका हाथ अपने दोनों हाथों में लेकर कहता है " मैं सब समझ रहा हूँ भाई कि आप क्या कहना चाहते हो ?? पर आप भी एक बार सोच कर देखिए , आपकी ज़िंदगी में कोई ऐसा हो जिससे आपको कुछ भी शेयर करने में कोई झिझक महसूस न हो । वो आपका कम्पेनियन हो , आपका हमदर्द हो जो आपको आपकी तरह ही समझे । आप चाहे जितना छुपाने की कोशिश कर ले लेकिन हम सब जानते है कि इस आपकी मुसकराहट के पीछे कितना दर्द छुपा हुआ है । मॉम के जाने का दुख अब भी आपके दिल में है । आप किसी से कहते नही है , मुस्कराते रहते है , सबको हँसाते है ताकि कोई आपकी मुस्कराहट के पीछे का दर्द न देख ले । आप चाहे जितना सबके साथ खुश होने की एक्टिंग कर ले । पर मैं जानता हूँ आप अंदर से उतने ही अकेले है । आपको किसी के साथ की जरूरत है भाई जिससे आप उनसे वो कह सके जो हमसे नही कह पाते । " अथर्व अपना हाथ छुड़ाकर सीरियस टोन में “ अगर तुझे ऐसा लगता है कि मैं अपनी फैमिली के साथ खुश नही हूँ तो तू मुझे समझ ही नही पाया है । बड़ा हो गया है न अब तू बड़ी - बड़ी बातें करने लगा है । इतना कि अपने भाई को समझा रहा है । पर मेरी एक बात सुन ले दुबारा अगर तूने यह बात अपने ज़हन में लेकर भी आई न तो .... रोनक मुस्कराते हुए हाथ बांधकर " तो ?? तो क्या ?


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अथर्व वाशरूम की ओर बढ़कर " तो .... तो ... तो में मेरा हाथ उठ जाएगा तुझ पर । यह सुनकर रोनक हँसने लगा । उसकी हँसी सुनकर अथर्व के कदम रुक गए और वो उसके सामने आकर बोला “ क्या ?? हँस क्या रहा है ?? इस बार मैं सीरियस हूँ समझा । मैं सच में मारूँगा तूझे अगर दुबारा ऐसी बात की तो । रौनक अपनी हँसी रोककर " अच्छा , तो फिर अगली बार का इंतज़ार क्या करना । अभी मार लो । " इतना कहकर उसने अपना गाल आगे कर दिया । अथर्व उसे ऐसा करता देख अपनी नज़रें चुराने लगा । रौनक उसे नज़रें चुराता देख उसके पीछे आया और उसके गले में अपनी बाँहे डाल , मुस्कराते हुए कहने लगा “ मैं जानता हूँ , दुनिया इधर की उधर हो जाये पर मेरे भाई मुझ पर कभी हाथ नही उठाएंगे । आप मेरे लिये दादी माँ से लड़ जाते हो ।। मेरी हर डाँट को आप अपने ऊपर ले लेते हो । जो मेरे लिए सबसे लड़ जाए वो मुझ पर हाथ नही उठा सकता । इतना तो मुझे पता है । इसलिए न आप मानने वाले है और न ही मैं तो बेहतर यही होगा कि हम दोनों दादी माँ की ही बात मान ले । और नीचे चले । " अथर्व उसकी बाँहे हटाकर उसकी ओर देखते हुए “ इसी बात का फायदा उठाता है तू हर बार । और कुछ भी बोल देता है । भले ही मैं तुझपे हाथ नही उठा सकता लेकिन इसका मतलब यह नही कि तू सच बोल रहा है । समझा । रौनक यह सुन बच्चे की तरह अपनी गर्दन हिला देता है । अथर्व उसे ऐसे देख मुस्कराते हुए वाशरूम चला जाता है । रौनक वाशरूम की ओर देखकर मुस्कराता है और ख़ुद से कहता है " भाई , आप चाहे कुछ भी कह ले । शादी तो मैं आपकी करवाकर ही रहूँगा।'मैं इतना सेल्फिश नही हो सकता । मुझे मॉम की कमी महसूस न हो इसलिए आपने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी । इस घर को संभाला , हम सबको पूरा किया । लेकिन हमारी ज़िन्दगी में मॉम की कमी को पूरा करते - करते आप खुद अधूरे हो गए हो भाई । पर अब मैं आपके इस अधूरेपन को पूरा करूँगा । आपको पूरा करूँगा । आपकी जिंदगी में एक ऐसे हमसफर को लेकर आऊँगा जो आपको आपसे भी ज्यादा समझे । मैं इस घर में मेरे भाई की दुल्हन लाकर ही ।

रहूँगा । यह मेरा वादा है आपसे और मॉम से भी । कोई तो ऐसी लड़की होगी जो आपकी तरह ही रिश्तों को समझे , उसे सहेज कर रखे , आपके जज़्बातों को समझे , मॉम के लिए आपका प्यार समझे । आय एम श्योर कोई न कोई तो होगी । जो मेरा सपना पूरा करने में मेरी मदद कर सके । इतना कहकर उसके चेहरे पर संतोष के भाव आ जाते है और वो सामने ही रखी टेबल पर अपनी मॉम की तस्वीर के पास आता है । और उसे उठाकर कहता हैं " मॉम मेरा इरादा नेक है , बिल्कुल आपकी तरह अब बस इसमें मुझे आपकी मदद चाहिए । करेंगी न मदद । सोच लीजिए अगर आपके मिस्टर परफेक्शनिस्ट की शादी नही हुई तो सब आपको ही कहेंगे । इसलिये आपको और मुझे दोनों को मिलकर मेरे परफेक्ट भाई के लिए एक परफेक्ट लड़की ढूँढ़नी ही होंगी । रौनक तस्वीर को अपने सीने से लगा लेता है और कहता है " लव यू मॉम । " ग्वालियर की सड़को पर एक लड़की मुस्कराते हुए चल रही थी । जो 23-24 की लग रही थी । उसकी कलाई पर एक घड़ी बंधी हुई थी । और दूसरे हाथ में एक ब्रेसलेट था जिसमें छोटे - छोटे रुद्राक्ष पिरोये गए थे और जिसके एन्ड में एक प्लास्टिक का मोर पंख भी था । उसने रेड कलर के सूट पर ब्लैक दुप्पटा ओढ़ रखा था । गेरुहा रंग , बालों को पीछे एक रबर बैंड से बांधा हुआ , चेहरे पर एक लट जिसे देखकर ऐसा लगता था कि यही उसकी एक मात्र हैयरस्टाइल हो , नाक में एक नोसरिंग , आँखों में काजल । कुल मिलाकर सिंपल और सोबर पहनावा । वो एक घर के सामने रुकती है । जो सिंपल पर बहुत ही सुंदर था । वो अंदर जाती है । जैसे ही वो अंदर जाती है उसके ठीक सामने सोफे पर एक लड़का बैठा हुआ था । और उसके पास ही में एक दम्पति बैठे हुए थे । वो सब आपस में बात कर रहे थे । लड़की ने जैसे उस लड़के को देखा तो उसका चेहरा खुशी से खित उठा और वो " भैया " कहती हुई उस लड़के के गले जा लगी । लड़के ने भी उसे मुस्कराते हुए पकड़ लिया । केसी है शिवांगी ?? " उस लड़के ने शिवांगी के सर को सहलाते हुए पूछा । “ बहुत अच्छी । लेकिन में आपसे बहुत नाराज हूँ । एक हफ्ता बोलकर आपने दो हफ्ते लगा दिए । आपको पता है न इस टाइम पर भाभी को आपकी कितनी जरूरत है । पापा बनने वाले हैं आप , थोड़े तो जिम्मेदार बन जाइए । " शिवांगी ने उससे अलग होकर कहा । " जब तू है , मम्मी - पापा है आरोही के साथ तो मुझे क्या चिंता है । " लड़के ने कहा । " हम लोग है पर इसका मतलब यह नही कि आप अपनी जिम्मेदारी भूल जाए । क्यों पापा सही कह रही हूँ न मैं ?? " शिवांगी ने उस दम्पति की ओर देखकर कहा और उनके पास बैठ गयी । वो दम्पति उनकी बातें सुन मुस्कराने लगे । तभी सामने से एक 25-26 साल की लड़की जो प्रेग्नेंट थी हाथ में चाय की ट्रे लिए चली आ रही थी । शिवांगी ने उसे देखा और उसके हाथ से ट्रे ले ली । 

" भाभी , कितनी बार बोला है आपसे की इस हालत में काम मत किया कीजिये । भैया अब आप ही इन्हें समजाइये । अरे ! इन्हें क्या समझाइये मैं तो कह रही हूँ पापा इन दोनों पति - पत्नी डाँट लगाइये आप । दोनों ही मेरा कहना नही मानते । " इतना कह उसने दम्पति के सामने रखी टेबल पट ट्रे रखी और कहने लगी “ मम्मी आप कुछ कहिये न भैया से , देखो तो अपनी फूल जैसी बहना से कितना काम करवाते है । और यह भाभी भी कम नही है । लगाइये आप इन दोनों को डाँट । " यह सुनते ही शिवांगी के भैया - भाभी का मुँह खुला का खुला रह गया । शिवांगी के भैया गुस्से से उसके पीछे दौड़ने लगे । शिवांगी भी उनसे बचने के लिए पूरे घर में भागने लगी । " शिवांगी की बच्ची , क्या कहा तूने ?? रुक अभी तू । " भैया उसके पीछे दौड़ते हुए बोले । शिवांगी जल्दी उनसे बचकर अपनी मम्मी के गले लग गयी और बोली " मम्मी बचाओ प्लीज । " शिवांगी की मम्मी उसके भैया से बोली " बस कर आनंद , कितना सताएगा उसे । अभी - अभी आया है जाके थोड़ा आराम कर ।यह सुनते ही सब जोर - जोर से हंसने लगे । और शिवांगी उसे चिढ़ाने लगी । जब आनंद ने आरोही को खुद पर हँसते देखा तो उसे घूरने तगा । आरोही ने मुश्कित से अपनी हँसी कंट्रोल की । पर बाकी सब अब भी हँस रहे थे । आनंद चिढ़ते हुए " क्या मम्मी आप हमेशा इसका साइड तेते हो । और में इसे नही यह में मुझे तंग करती है । मैं तो चाहता हूँ जल्दी से इसकी शादी हो और यह यहाँ से चली जाए और मेरा पीछा छूटे । यह सुनते ही शिवांगी गुस्से में खड़ी हुई और कहने लगी - बड़ी जल्दी है आपको मुझे भेजने की । ऐसे पीछा नहीं छोड़ने वाली में आपका । छोटी बहन हूँ आपकी , तंग करना हक़ है मेरा । इतनी सी बात पे थोड़ी कोई शादी करवा देता है । शिवांगी मुँह फुलाकर कहती है । आनंद ने जेसे देखा शिवांगी उसके करीब आ गयी है तो उसके कान पकड़ के बोला " अब आयी चुहिया पकड़ में । -आह मेरा कान बहुत दर्द हो रहा है भैया , छोड़िये । शिवांगी ने दर्द से कराहते हुए कहा । आनंद घबराकर उसका कान छोड़ देता है और कहता है ज्यादा दर्द हो रहा है क्या ?? जैसे ही आनंद शिवांगी का कान छोड़ता है वो झट से जाकर आरोही के पीछे छुप जाती है और हंसते हुए कहती है कितने बुधू हो आप भैया मेरा नाटक भी नही समझ पाए । और हाँ में कही नही जाने वाली समझे आप। आनंद शिवांगी की इन हरकत पर फिर से चिढ़ जाता है पर अगले ही पल कुछ सोचकर उसके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वो जोर - जोर से गाते हुए सोफे पर पसरकर कहता है “ बाबुल की दुआएं लेती जा , जा तुझको सुखी संसार मिले । " इतना गाकर वो मुस्कराते हुए अपनी बोहे उचकाता हुआ शिवांगी की ओर देखता है । शिवांगी यह सुन चिढ़ जाती है और गुस्से में आनद के रूम में चली जाती है । उसे ऐसे जाता देख सब हैंसने लगते है । आरोही शिवांगी के पास आते है । उसे देखते ही शिवांगी बडबडाना स्टार्ट कर देती।

है । -यह आप अपने पति को समझ लीजिए । यह गाने - वाने न गाये । वरना अगर मुझे गुस्सा आ गया न तो मैं ... तो में .... तभी बाहर से आंनद की आवाज़ आयी तो क्या मेरी प्यारी बहना । शिवांगी गुस्से में दरवाज़े पे आकर जोर से “ तो में आपकी बीवी को भगा कर ले जाऊंगी । देख लेना । आनंद हँसते हुए " लेजा । " उसका जवाब सुन शिवांगी का मुँह खुल जाता है । और वो हैरानी से आरोही को देखने लगती है । जो बेड पर बैठकर अपने मुँह पर हाथ रखे हँस रही थी । शिवांगी उसके पास आयी और कहने लगी “ यार कोई मुझे सीरियसली लेता ही नही । इतना कह वो उदास होकर बेड पर बैठ गयी और आरोही उसे ऐसे देख जोर - जोर से हँसने लगी । शिवांगी उसे ऐसे देख एक हारे हुए सिपाही की तरह कहने लगी " उड़ा लो आप भी मेरा मजाक । पर देखना जब मेरा वाला आएगा न तो वो मुझे सीरियसली भी लेगा और आप सबकी बोलती भी बंद कर देगा । देख लेना आप सब । " इतना कह वो उठ गयी और जाने लगी । तभी आरोही अपनी हँसी कंट्रोल कर बोली “ अच्छा यह तो बता दे कैसा चाहिए तुझे तेरा वाला ?? " यह सुन शिवांगी के कदम रुक गए और वो मुस्करा उठी । आरोही उसके पास आकर " क्या हुआ अब बोलने का टाइम आया तो बोल नही रही है ?? " जब आरोही ने देखा कि शिवांगी यह सुन मुस्करा रही है तो उसने कहा “ क्या बात है तू शर्मा रही है ?? " आरोही शरारती भरे लहजे में शिवांगी को छेड़ने लगी । " ऐसा कुछ भी नही है , मैं क्यों शर्माऊँगी । शिवांगी ने अपने चेहरे पर आए भाव को छुपाते हुए कहा । आरोही मुसकराकर " पर फिर भी बता न कैसा लड़का चाहिए तुझे ?? " यह सुन शिवांगी अपने दोनों हाथ को अपनी दोनों बाहों पर समेटकर मुस्कराते हुए रूम की खिड़की की ओर बढ़ते हुए बोली “ कोई ऐसा जो सिर्फ मुझसे प्यार करे ! जिसके साथ में सुकून हो , जिसकी मस्कराहट पे खद को ही भलने का मन करे . जिसकी आँखे उस समद्र से भी गहरी हो । मैंने तो इतना ही जाना है ।भाभी कि रिश्तों में प्यार , इज्ज़त और भरोसा हो तो रिश्ते परफेक्ट बनते है । और यही हर रिश्ते की नींव होती है । बस मैं भी उससे यही उम्मीदें रखती हूँ । जिसके लिए मुझसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट और कोई न हो ... कोई नही    



 । दोस्तों मैं आप से उम्मीद करता हूं पति-पत्नी की कहानी पढ़कर वह अच्छा लगे होंगे अगर आपको पसंद आया वह तो अपने दोस्तों और फैमिली के साथ शेयर करें ताकि उन उन तक भी या जानकारी पहुंच पाए धन्यवाद



" क्या शिवांगी ही वही लड़की जो रौनक की भाई की दुल्हन बनेगी ?? क्या शिवांगी अथर्व के अधूरेपन को पूरा करेगी ?? और क्या अथर्व ही है वो जो शिवांगी की उम्मीदों पर खरा उतरेगा ?? क्या शिवांगी , अथर्व के गिल्ट को कम कर पायेगी ?? सोचिये और अपने कमैंट्स देकर बताइये कि आपको यह मेरे भाई की दुल्हन का पहला भाग कैसा लगा और अगर आप पढ़ते है तो कमेंट भी कर दिया कीजिये ।।





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