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आरिफ के सारस का क्या हुआ | आरिफ से सारस को क्यों किया गया दूर,

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आरिफ के सारस का क्या हुआ | आरिफ से सारस को क्यों किया गया दूर,:-देश के अंदर आरिफ और सरस की कहानी अब कौन नहीं समझता। क्या आप भी भूले नहीं जब आरिफ ने खेत में एक सारस को घायल अवस्था में देखा था तो आरिफ ने उसकी जान बचा ली थी। ठीक होने के बाद सारस आरिफ के साथ रहने लगा। सारस जब भी उड़ सकता था और आरिफ का ख्याल आ सकता था, लेकिन कुछ महीने पहले दोनों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके चलते वन शाखा के लोगों ने सारस को अलग कर लिया और ले गए।  समसपुर पक्षी विहार, लेकिन सारस वहां नहीं रुका। एक दिन वह पास के गाँव के लिए उड़ गया। अब यह भी बताया जा रहा है कि आरिफ से दूर होने के कारण सरस की हालत खराब होती जा रही है।

आइए जानते हैं कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के बारे में बात करने से पहले की कहानी।

 


आरिफ के सारस का क्या हुआ | आरिफ से सारस को क्यों किया गया दूर,

जिसके लिए वे सुर्खियों में हैं। अमेठी के मो.अगस्त 2022 में आरिफ को अपने घर के पास एक घायल देश में एक सारस मिला। आरिफ ने घायल क्रेन को अपने घर में भर लिया था। आरिफ ने अपने कपड़े पहनकर अपना अस्तित्व बचाए रखा। उसे घर में रखने के साथ ही उसकी देखभाल की। धीरे-धीरे घायल सारस और आरिफ में दोस्ती हो गई। आरिफ को लगा कि शायद सारस ठीक हो जाए और उड़ जाए। लेकिन सारस उनके साथ रहा। आरिफ जब कहीं जाता था तो सारस भी उसके साथ खूब जाता था। वह अपनी थाली में सारस को खिलाता था। जिसके बाद धीरे-धीरे सरस और आरिफ की दोस्ती वायरल होती चली गई।

 

आरिफ पर FIR क्यों की गई थी?

 

लेकिन एक सवाल उठता है कि आरिफ के खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज की गई। आपको यह ध्यान रखना होगा कि कुछ जानवर ऐसे हैं जिन्हें पालने पर जेल जाना पड़ सकता है। इन जानवरों की लिस्ट में सारस भी आता है। यही वजह है कि सारस को रखने पर आरिफ को एफआईआर का सामना करना पड़ा। आरिफ पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के उल्लंघन के लिए धारा 2, 9, 29, इक्यावन और धारा 52 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

आरिफ की गलती क्या है। आरिफ की गलती यह थी कि उसने घायल सारस की पहचान करते समय न तो पुलिस को बताया और न ही वन विभाग को। जबकि वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम की धारा 39 के तहत उसे यह पेंटिंग पहले ही बनानी होगी। ध्यान रखें कि घर में शामिल किए गए किसी भी जानवर को रखना या खिलाना बहुत मना है।

 

यूपी के अमेठी के मोहम्मद आरिफ पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में सारस को अपने साथ रखने का मामला दर्ज किया गया है। साथ ही आरिफ को बयान दर्ज कराने के लिए एक नोट भेजा है। यह नोट अनुविभागीय वन अधिकारी गौरीगंज अमेठी के माध्यम से भेजा गया है। आरिफ सरस से अगस्त 2022 के महीने में मिले थे, जब वह जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे। आरिफ ने चिड़िया की जान बचाकर उसके मन में अपने लिए प्रेम जगाया था। सारस करीब एक साल से आरिफ और उसके अपने परिवार के साथ रह रहा था। कानपुर जू की टीम ने बताया कि सारस को पक्षी विहार की टीम के माध्यम से यहां लाया गया है। इसे 15 दिन के लिए क्वारंटाइन करके रखा जा सकता है। इसके बाद इसे चिड़ियाघर के उस बड़े हिस्से में छोड़ा जाएगा, जहां यह पेड़ों के नीचे बैठ सकेगा। चिड़ियाघर प्रबंधन ने बताया कि सारस पूरी तरह स्वस्थ है और प्रोटोकॉल के चलते 15 दिनों से निगरानी में है। यहां केयरटेकर के अलावा किसी को भी आने-जाने की इजाजत नहीं है।

 

भारत में कौन-कौन से जानवर पाल सकते है? आइए जाने

 

कानून के अनुसार कुत्ता, बिल्ली, गाय, भैंस, बकरी, कबूतर (कुछ विशेष), भेड़, खरगोश, मुर्गी, छोटी मछली आदि को बिना किसी रोक-टोक के बचाया जा सकता है। लेकिन अगर हर निकाय सुरक्षा के तहत जानवरों को पालता है, तो उसके खिलाफ अपराधिक कार्रवाई की जा सकती है। अब आपके लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि आप नगर निगम को उन जानवरों के बारे में बताएं जिन्हें आप संरक्षित करना चाहते हैं। पंजीकरण के लिए वार्षिक मूल्य का भुगतान भी आवश्यक हो सकता है। आप अपने निजी घर में किसी भी जानवर को तब तक संरक्षित नहीं कर सकते जब तक कि आप उनकी जांच न कर लें। वन विभाग के निर्णय के अनुसार शहर के सभी पशुपालकों को पशुपालन या अन्य पशुओं को रखने के लिए प्रत्येक वर्ष अपने लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होगा। कानून यह भी कहता है कि पक्षियों को पिंजरों में नहीं रखा जा सकता है और उन्हें उड़ने का महत्वपूर्ण अधिकार है।

 

आपने यूपी के अमेठी में रहने वाले आरिफ और उसके दोस्त सरस की गवाही सुनी होगी, जबकि आरिफ ने सरस की जान रख दी, वह उसके साथ रहने लगा। आरिफ जहां भी गया, उड़नतश्तरी से सारस भी जीत गया, ये दोस्ती इतनी मशहूर हुई कि यूपी सरकार और वन शाखा भी इसमें दिलचस्पी लेने लगी। कुछ दिन बाद जंगल की शाखा आई और दोनों दोस्तों को एक-दूसरे से अलग कर दिया। आरिफ के पास एनिमल प्रोटेक्शन एक्ट तोड़ने को लेकर पत्र भेजा गया। आलम यह है कि न तो सरस आरिफ के बिना रह पा रही है और न ही आरिफ को अपने दोस्त सरस के बिना चैन मिल रहा है।

 

क्या तोता पालना गैरकानूनी है? आइए जानें

 

आप कबूतर, मुर्गा, तोता, मोर, बत्तख, तीतर, उल्लू, बाज, चील के अलावा किसी भी मुर्गी को नहीं पकड़ सकते, आप हर दूसरी मुर्गी को नहीं पकड़ सकते। वहीं कछुआ, मगरमच्छ, मगरमच्छ, बंदर, हाथी, हिरण, सफेद चूहा, सांप, शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ, कोई भी जंगली जानवर बिल्कुल भी नहीं रखा जा सकता है। देश के भीतर कुछ जानवरों को रखने पर प्रतिबंध है।

 

सारस भी इसी श्रेणी में आता है। इस कारण आरिफ पर वन विभाग के माध्यम से वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 29, 51 और 52 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सारस की जान बचाकर आरिफ ने कमाल का काम किया, लेकिन कानून का पालन करते हुए उसे उस सारस के बारे में वन शाखा को बताना चाहिए था। ऐसा नहीं है कि उसे नर्सिंग शुरू करने की जरूरत थी।

 

आरिफ पर दर्ज कर दिया गया केस क्यू?

 

वुडलैंड शाखा के कर्मचारियों ने सारस को उठा लिया। तब तक लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता था, लेकिन वन विभाग ने आरिफ के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रावधानों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया था। उनसे सारस को अपने साथ रखने के लिए उत्तर देने को कहा गया। यह कानून आपको जानवरों के प्रति क्रूरता से बचाने के लिए बनाया गया है। उन्हें वन विभाग के माध्यम से चार अप्रैल को तलब किया गया है। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 यू की प्राकृतिक दुनिया को सुरक्षा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ अधिनियमित किया गया था।

 

एस ।  और अवैध शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार को नियंत्रित करना। अधिनियम को जनवरी 2003 में संशोधित किया गया और अधिनियम के तहत अपराधों के लिए सजा और जुर्माने को और अधिक कठोर बना दिया गया है। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत जिन पशु-पक्षियों के पालन पर प्रतिबंध है उनमें सारस भी शामिल है। नियम के मुताबिक सारस का इलाज करने के अड़तालीस घंटे के भीतर आरिफ को अविलम्ब वन शाखा या पुलिस को सूचना देनी चाहिए थी। जिसकी जानकारी अब आरिफ के जरिए नहीं दी गई।  जिसके चलते उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

 

इन जीवों को पालने पर लगा गया है,  प्रतिबंध

 

वन्य जीव अधिनियम के तहत किसी भी जानवर या पक्षी को कैद करने पर प्रतिबंध है। इस अधिनियम के तहत बाघ, चीता, भालू, बंदर, तोता, मोर, बत्तख (कुछ प्रजातियां), तीतर, उल्लू, बाज, ऊंट, हाथी, हिरण, सफेद जैसे जानवरों और पक्षियों को पकड़ना एक दंडनीय अपराध है। चूहा, साँप, मगरमच्छ, मगरमच्छ, कछुआ। वर्ग के अंतर्गत आता है। देश के भीतर उनके संरक्षण पर प्रतिबंध है। भारत में मनुष्यों को कुत्ता, बिल्ली, गाय, भैंस, बकरी, कबूतर (कुछ प्रजातियाँ), भेड़, खरगोश, मुर्गी, छोटी मछलियाँ रखने की अनुमति है। प्राधिकरण ने आरिफ के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 29, इक्यावन और धारा बावन के तहत मामला दर्ज किया है। अधिनियम की धारा इक्यावन के तहत किसी भी जानवर, पक्षी या जानवर के अस्तित्व के साथ उसके आनंद के लिए छेड़छाड़ करना अपराध की श्रेणी में आता है। यदि कोई व्यक्ति उन अपराधों के लिए जिम्मेदार निर्धारित किया जाता है। उसे 7 साल की सजा या पहली दर 25 हजार रुपए या दोनों हो सकती है।

 

अब किस हाल में है सारस आइए जानें

 

सारस को आरिफ से अलग कर कानपुर जूलॉजिकल पार्क ले जाया गया है। आरिफ को छोड़कर सारस दुखी है। वह हमेशा ठीक से सेवन नहीं कर रहा है। सारस दिन भर एक कोने में उदास बैठा रहा। खुले वातावरण में रहने वाला सारस पिंजरे के भीतर खुश नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह हमेशा ठीक से खाना नहीं खा रहा है। सरस के आरिफ से अलग होने की खबरों की लोगों ने आलोचना की है।

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